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पहले लैपटॉप तक नहीं चलाया, अब बन रहीं ‘ड्रोन दीदी’

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पहले लैपटॉप तक नहीं चलाया, अब बन रहीं ‘ड्रोन दीदी’  

  • -उत्तराखंड की बेटियां ड्रोन टेक्नोलॉजी में गढ़ रही नया भविष्य
  • - वे न केवल ड्रोन असेंबलिंग और रिपेयरिंग कर रही हैं, बल्कि इसकी फ्लाइंग टेक्नोलॉजी में भी माहिर बन गई हैं    

देहरादून। कभी जिन हाथों ने कंप्यूटर तक नहीं छुआ था, वे अब ड्रोन असेंबलिंग, रिपेयरिंग और फ्लाइंग में निपुण हो चुकी हैं। उत्तराखंड की बेटियां अब ‘ड्रोन दीदी’ बनकर नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता और युवा कल्याण विभाग के सहयोग से अनुसूचित जाति की युवतियों को ड्रोन सर्विस टेक्नीशियन कोर्स के तहत उन्नत तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।  

पिथौरागढ़ की तनुजा वर्मा, गैरसैंण की रोशनी और उत्तरकाशी की जशोदा जैसी युवतियां, जो पहले लैपटॉप तक चलाना नहीं जानती थीं, अब ड्रोन तकनीक में दक्ष हो चुकी हैं। वे न केवल ड्रोन असेंबलिंग और रिपेयरिंग कर रही हैं, बल्कि इसकी फ्लाइंग टेक्नोलॉजी में भी माहिर बन गई हैं।    

ड्रोन टेक्नोलॉजी में युवतियों की बड़ी छलांग- 

उत्तराखंड सरकार सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए कैल्क) के माध्यम से ड्रोन सर्विस टेक्नीशियन कोर्स चला रही है, जिसमें पहले बैच की शुरुआत 6 जनवरी से हुई। इस कोर्स में प्रदेशभर से 52 युवतियां शामिल हुई हैं, जिन्हें 37 दिनों में 330 घंटे का गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस दौरान उनके रहने, खाने और यात्रा का संपूर्ण खर्च सरकार उठा रही है।  

सफल प्रशिक्षार्थियों को मिलेगा निशुल्क ड्रोन-  

प्रदेश सरकार ने ड्रोन रिपेयरिंग और संचालन को बढ़ावा देने के लिए ऋषिकेश और पिथौरागढ़ में आईटी स्किल ग्रोथ सेंटर भी शुरू किए हैं। देहरादून में चल रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को ऋषिकेश सेंटर के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। सेंटर प्रभारी वीरेंद्र चौहान ने बताया कि कोर्स पूरा करने के बाद परीक्षा होगी, जिसमें सफल प्रशिक्षणार्थियों को इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से प्रमाणपत्र मिलेगा। साथ ही, टॉप 5 प्रशिक्षार्थियों को सरकार की ओर से निशुल्क ड्रोन भी दिया जाएगा।  

रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर-  

प्रशिक्षित युवतियां अब ड्रोन सेवाओं पर आधारित स्वरोजगार करने के लिए तैयार हैं। वे आपदा प्रबंधन और चिकित्सा सेवाओं में भी सहयोग कर सकती हैं। कुछ प्रशिक्षार्थी खुद का ड्रोन खरीदने की योजना भी बना रही हैं।  

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को उच्च तकनीकी कौशल प्रदान करने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। "ड्रोन दीदी" योजना उसी का हिस्सा है, जो भविष्य में रोजगार के नए अवसर खोलेगी। ड्रोन तकनीक का उपयोग बढ़ने वाला है, इसलिए सरकार पहले से ही प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार कर रही है।  

नई उड़ान, नया आत्मविश्वास-  

उत्तराखंड की ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आने वाली ये बेटियां अब अपनी तकदीर खुद लिख रही हैं। तकनीक के क्षेत्र में यह एक बड़ा बदलाव है, जो न केवल युवतियों को आत्मनिर्भर बना रहा है, बल्कि प्रदेश के विकास में भी योगदान दे रहा है।