भारतीय संस्कृति विशेष रूप से धर्म व आध्यात्म पर आधारित है. यहां हर दिन
महत्वपूर्ण होता
है,
इसी
तरह
से
आज
भी
एक
विशेष
पर्व
सोमवती
अमावस्या
मनाया
जा
रहा
है.
सनातन
धर्म
में
सोमवती
अमावस्या
जो
कि
भाद्रपद
माह
में
आती
है
उसका
बहुत
ही
महत्त्व
है.
कहा
जाता
है
कि
इस
विशेष
दिन
पर
गंगा
में
स्नान
करना
बहुत
ही
लाभदायी
होता
है.
इसी आस्था के साथ लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने सुबह-सुबह ही हरिद्वार नगरी में गंगा के पवित्र जल में डूबकी लगाई. योग नगरी कहे जाने वाले ऋषिकेश में भी हजारों की संख्या में तीर्थयात्री जुटे थे. चारों ओर केवल हर हर महादेव और हर हर गंगे का जय जय घोष सुनाई पड़ रहा था. वहां आए श्रद्धालुओं ने मां गंगा की आरती के साथ-साथ दीपदान भी किया. हर की पैड़ी, ओम घाट, गऊ घाट, सर्वानन्द घाट पर सुबह के लगभग 4
बजे
से
ही
आस्था
का
अद्भुत
दृश्य
देखने
को
मिल
रहा
था.
ऋषिकेश नगरी में भी इसी तरह का आस्था का सैलाब देखने को मिला. जब त्रिवेणी घाट, परमार्थ आश्रम घाट जानकीपुल पर सुबह से ही हजारों की संख्या में लोग आए थे. श्रद्धालुओं की भीड़ के लिए भी प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की जाती हैं.मां गंगा के पवित्र जल में स्नान करने से ही हमारे सारे पापों का नाश हो जाता है. हरिद्वार और ऋषिकेश जैसी पवित्र नगरी में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते रहते हैं.