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गोचर और कर्णप्रयाग में सांप्रदयिक बवाल के बाद शांति

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- बवाल के बाद धारा 163 हटाई गई स्थिति सामान्य

- आगामी घटनाओं के लिए सतर्कता बरतने की तैयारी

उत्तराखंड। उत्तराखंड के गोचर और कर्णप्रयाग में हाल ही में सांप्रदायिक बवाल की घटनाओं के बाद, राज्य सरकार ने इन दोनों इलाकों में लगाई गई धारा 163 को हटा लिया है। धारा 163 एक आपातकालीन स्थिति से संबंधित प्रावधान है, जो किसी भी स्थान पर सुरक्षा की स्थिति बिगड़ने पर लागू की जाती है। यह धारा लागू करने के बाद, प्रशासन को इलाके में सार्वजनिक सभा, प्रदर्शन और अन्य गतिविधियों पर कड़ी रोक लगाने का अधिकार मिलता है।

बवाल का कारण और स्थिति-

गोचर और कर्णप्रयाग में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति हाल के दिनों में उत्पन्न हुई थी, जिसके चलते पुलिस और प्रशासन ने दोनों जगहों पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 163 लागू की थी। इन स्थानों पर कुछ सांप्रदायिक समूहों के बीच विवाद हुआ था, जो जल्द ही तनाव में बदल गया। इसके बाद, प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा बढ़ाने के लिए धारा 163 को लागू किया था ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके।

धारा 163 हटाने का फैसला-

अब, स्थिति को शांत और नियंत्रित मानते हुए, प्रशासन ने इन दोनों क्षेत्रों से धारा 163 हटा दी है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि स्थिति अब सामान्य हो चुकी है। हालांकि, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सतर्कता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

शांति बहाल करने के प्रयास-

इन घटनाओं के बाद, प्रशासन ने स्थानीय नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कीं, ताकि समाज में सद्भाव और सौहार्द बनाए रखा जा सके। क्षेत्र में शांति के लिए पुलिस ने भी गश्त बढ़ा दी थी, और स्थानीय समुदायों के बीच विश्वास स्थापित करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। 

इस तरह की स्थिति को देखते हुए, प्रशासन अब स्थिति को सामान्य मानते हुए आगामी घटनाओं के लिए सतर्कता बरतने की तैयारी में है, ताकि इस तरह के बवाल को भविष्य में रोका जा सके।