नई दिल्ली। स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने Türkiye दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और तुर्की के राष्ट्रपति के खिलाफ नारे लगाए। मंच ने समस्त भारतीयों से तुर्की की हर चीज का बहिष्कार करने का आह्वान किया। इस विरोध कार्यक्रम में तुर्की के राष्ट्रपति का पोस्टर भी जलाया गया और दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकवादी देश के रूप में उभरे पाकिस्तान को शर्मनाक समर्थन देने के लिए तुर्की की वर्तमान सरकार के खिलाफ रोष जताया।
वक्ताओं ने रेखांकित किया कि तुर्की, एक नाटो सदस्य और एक कथित धर्मनिरपेक्ष गणराज्य, भारत की संप्रभुता के लिए शत्रुतापूर्ण कट्टरपंथी इस्लामवादी शासन और सैन्य प्रतिष्ठानों के साथ तेजी से जुड़ रहा है। हाल के वर्षों में, तुर्की की पाकिस्तान के साथ रणनीतिक रक्षा साझेदारी खतरनाक गति से बढ़ी है, जिसमें तुर्की सरकार पाकिस्तान के सशस्त्र बलों को महत्वपूर्ण सैन्य हार्डवेयर, तकनीकी प्लेटफॉर्म और प्रशिक्षण की आपूर्ति करती है।
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राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ. अश्वनी महाजन ने राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में 15 मई 2025 को तुर्की एयरपोर्ट ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दी गई सुरक्षा मंजूरी रद्द करने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

स्वदेशी जागरण मंच भारत के देशभक्त नागरिकों से हमारे सैनिकों और राष्ट्रीय हित के साथ एकजुटता के प्रतीक के रूप में, तुर्की के उत्पादों, यात्रा और सांस्कृतिक निर्यात का बहिष्कार करने का आग्रह करता है। हमें अपने विरोधियों को सशक्त बनाने वाले देशों पर रणनीतिक निर्भरता के बजाय आत्मनिर्भरता को चुनना चाहिए।
साथ ही देश के लोगों से तुर्की के सामान का बहिष्कार करने का भी आह्वान किया गया और कहा गया कि भारत में तुर्की के साथ चल रहे विभिन्न प्रकार के समझौतों को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तुर्की ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए क्रूर आतंकी हमले की निंदा भी नहीं की। तुर्की संकट के समय में भारत द्वारा तुर्की को दी गई उदार और समय पर मानवीय सहायता को कैसे भूल सकता है।
फरवरी 2023 में आए विनाशकारी भूकंप के दौरान, भारत ऑपरेशन दोस्त शुरू करने वाले पहले देशों में से एक था, जिसमें राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), सेना की मेडिकल टीमों, फील्ड अस्पतालों और चिकित्सा आपूर्ति, जनरेटर, टेंट और कंबल सहित 100 टन से अधिक राहत सामग्री व बचाव दल भेजे गए थे।
स्वदेशी जागरण मंच ने दोहराया कि भारत को पाकिस्तान को अपनी आक्रामक क्षमताओं को बढ़ाने में सक्रिय रूप से मदद करने वाले देशों की युद्ध मशीनरी को वित्त पोषित नहीं करना चाहिए। “राष्ट्र प्रथम” के सिद्धांत को हमारे व्यापार, निवेश और कूटनीतिक संबंधों का मार्गदर्शन करना चाहिए। दिल्ली राज्य के कार्यकर्ता, राष्ट्रीय परिषद के सदस्य और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
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