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पूर्णागिरि सीमा दर्शन-यात्रा का हुआ आयोजन, भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा के 150 गांवों हुए सम्मिलित

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गत दिनों मां पूर्णागिरि सीमा दर्शन-यात्रा का आयोजन हुआ। इसमें भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा के 150 गांवों और पीलीभीत एवं उत्तराखंड बजरंग दल के 2000 से अधिक कार्यकर्ता अपनी बाइकों के साथ शामिल हुए। यात्रा का मुख्य उद्देश्य था सीमावर्ती गांवों में जन-जागरण करना, ताकि वहां भारत-विरोधी गतिविधियां रुकें। दो दिवसीय यात्रा पीलीभीत से पूर्णागिरी के लिए रवाना हुई। यात्रा में शामिल लोगों का बिलसंडा, न्यूरिया, मझोला सहित अन्य स्थानों पर भव्य स्वागत हुआ।

उल्लेखनीय है कि भारत-नेपाल सीमा के आसपास जिहादी तत्वों की सक्रियता तेजी से बढ़ रही है। इस कारण लव जिहाद, जमीन जिहाद और मादक द्रव्यों की तस्करी भी हो रही है। साथ ही जाली भारतीय मुद्रा के माध्यम से भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इन सबके प्रति स्थानीय लोगों को जागरूक करने के लिए यह यात्रा की गई। यात्रा का पहला पड़ा खटीमा जिले में रहा। इस अवसर पर यात्रियों को संबोधित करते हुए विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री श्री सोहन सिंह सोलंकी ने कहा कि नेपाल के रास्ते चीन कालापानी क्षेत्र से भारत की सीमा में घुसना चाहता है। इसके लिए वह भारत और नेपाल में विवाद कराना चाहता है, लेकिन उसे यह नहीं पता एक-एक इंच जमीन हमारी मां है। इसके लिए हम अपने प्राणों की आहुति देने से पीछे नहीं हटेंगे। देश की सीमाएं मां के वस्त्रों के समान हैं। जो भी इन वस्त्रों पर हाथ लगाएगा, उसका अस्तित्व ही नष्ट कर दिया जाएगा। अन्य वक्ताओं ने कहा कि यह यात्रा देवभक्ति से देशभक्ति की प्रेरणा देने वाली है