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पंचगव्य की शक्ति को पुनः पहचानने की आवश्यकता – अजीत महापात्र

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मथुरा महानगर गौ-सेवा गतिविधि द्वारा वैसाख शुक्ल एकादशी को श्री जी बाबा सरस्वती विद्या मंदिर (गोवर्धन रोड) में गौ सेवा संगम आयोजित किया गया. गौ सेवा संगम में अखिल भारतीय गौ-सेवा गतिविधि प्रमुख अजीत जी महापात्र ने कहा कि आज पंचगव्य की शक्ति को पुनः पहचानने की आवश्यकता है. देशी गाय हमारे परिवारों का हिस्सा है. उसे वापस परिवार में स्थान देना हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिये. हमें संकल्प लेना होगा कि भगवान की पूजा में हम केवल गाय माता के दूध का ही प्रयोग करेंगे, न मिलने की स्थिति में ढूंढकर लाएंगे. सभी गौभक्तों को यह संकल्प लेना होगा गाय का रक्त एक बूंद भी कहीं गिरने नहीं दूंगा. तभी देश में एक आवश्यक परिवर्तन आएगा. गोपाल की ब्रज भूमि पर देशी गायों की उपेक्षा से मन द्रवित होता है.

उन्होंने कहा कि देशी गाय के अंदर छिपे वैज्ञानिक गुणों का पूरा लाभ मनुष्य को मिले, ऐसी कार्ययोजना तैयार की जा रही है. आर्थिक लाभ, शारीरिक और मानसिक स्थिरता देशी गाय के पंचगव्य के सेवन से सम्भव है. अतः इसे हमें अपनाना होगा.

कार्यक्रम के अध्यक्ष वेटनरी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ए. के. श्रीवास्तव जी ने वैज्ञानिक आधार पर गाय और गाय के दूध की महत्ता एवं मानव जीवन में आवश्यकता समझाई. परम गौभक्त भगवत दत्तसंजीव कृष्ण ठाकुर जी महाराज ने आशीर्वचन में लोगों को गौसेवा के लिये प्रेरित किया.

इससे पूर्व कार्यक्रम में उपस्थित अनेक गौ भक्तों ने गोमूत्र एवं गौ दुग्ध से असाध्य रोगों के उपचार का अनुभव कथन सबके सम्मुख रखा. कार्यक्रम का प्रारंभ गौ पूजन से हुआ, तत्पश्चात भारत माता चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन एवं पुष्प अर्चन किया गया. कार्यक्रम का संचालन विष्णु शर्मा ने किया.

कार्यक्रम के समापन पर गौ माता की आरती से पूर्व उपस्थित विशाल समूह ने गौ माता की रक्षा एवं गौ पालन का संकल्प लिया. कार्यक्रम स्थल पर गौ माता से संबंधित प्रदर्शनी भी लगाई गई.

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक, प्रबुद्धवर्ग गोसेवक, गौ पालक, गौ रक्षक, गौ भक्तों सहित माता बहनों ने सहभागिता की.