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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के "गुणात्मक संचलन" में दिखा अनुशासन, स्वयंसेवकों ने मिलाया कदमताल

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गोरक्ष प्रांत के स्वयंसेवकों द्वारा महानगर में  "गुणात्मक संचलन" निकाला गया। इस दौरान स्वयंसेवकों ने घोष ताल पर कदम से कदम मिलाकर सामूहिक एकता एवं अनुशासन का परिचय दिया। यह संचलन महात्मा गांधी इंटर कॉलेज,बैंक रोड के प्रांगण से प्रारम्भ होकर जुबली कालेज, बक्शीपुर, नखास, कोतवाली, घोषकंपनी, नगर निगम, टाउन हॉल होते हुए वापस महात्मा गांधी इंटर कालेज में समाप्त हुआ। "गुणात्मक संचलन" में पूरे गोरक्ष प्रांत के प्रशिक्षण प्राप्त लगभग एक हजार स्वयंसेवक समल्लित हुए।।संचलन मार्ग में का संचलन का अवलोकन अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख श्रीमान सुनील कुलकर्णी जी ने किया।संचलन के उपरांत महात्मा गांधी इंटर कालेज के प्रांगण में भगवा ध्वज लगा,अमृत वचन और गीत  के उपरांत स्वयंसेवकों को अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख श्री सुनील कुलकर्णी जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

स्वयंसेवको को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय अधिकारी सुनील कुलकर्णी जी ने कहा कि अपने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय शारीरिक विभाग ने तय किया है कि गुणात्मक संचलन अपने शताब्दी वर्ष के प्रारंभ का पहला कार्यक्रम है। अपने शारीरिक विभाग ने अपने हर जिले में गुणवत्ता युक्त संचलन करने का तय किया है। गुणवत्ता का प्राप्त करने का यह पहला प्रयास है। आगे अपने जिले में गुणवत्तापूर्ण संचलन हो इसलिए प्रतिदिन अपने जिले की शाखा में 5 मिनट संचलन, भ्रमण, मितकाल आदि का अभ्यास नियमित करने से हमारे संचलन की गुणवत्ता बढ़ेगी।

आगे उन्होंने इसके इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि  अपने संघ के इतिहास में 1927 में संचलन की परंपरा प्रारंभ हुई। शाखाओं में नियमित संचलन का अभ्यास शुरू हुआ। मार्तंड राव जोग ने संचलन का अभ्यास कराया और 1928 में 21 स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में गुणवत्तापूर्ण संचलन घोष के ताल पर 1 घंटे का का निकाला  और समाज में चर्चा का विषय बना। यह संचलन समाज एवम स्वयंसेवकों में उत्साह का वातावरण बनाया। जितने स्वयंसेवक संचलन कर रहे थे उनके तीन गुना संख्या स्वयंसेवको की पीछे चल रही थी। स्वयंसेवक होने के नाते हमें प्रतिवर्ष संचलन में भाग लेना चाहिए।।संचालन में चलते समय हमेशा सामने देखकर चलना, कदम से कदम मिलाकर घोष की थाप पर पैर से पैर मिलाते हुए चलना ये हमे हमेशा ध्यान रखना चाहिए। संचलन के माध्यम से अनुशासन, धैर्य, साहस, एकता आदि का विकास होता है। आगे अपने जिले में एक गुणवत्तापूर्ण संचलन करने का हमें प्रयास करना चाहिए।

मंच पर गोरक्ष प्रांत के प्रांत संघचालक डॉ महेंद्र अग्रवाल जी भी उपस्थित रहे। उद्बोधन के बाद संघ प्रार्थना के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रांत प्रचारक रमेश जी, सह प्रांत प्रचारक सुरजीत जी, प्रांत कार्यवाह विनय जी, विभाग प्रचारक अजय जी, प्रांत सह व्यवस्था प्रमुख हरे कृष्ण जी, प्रांत शारीरिक प्रमुख तुलसीराम जी, विभाग संघचालक शेषनाथ जी, विभाग कार्यवाह संजय जी, विश्व संवाद केंद्र के प्रमुख प्रमोद जी, पुनीत जी आदि उपस्थित रहे।