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सेवा भारती समिति राजस्थान द्वारा 13वें सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन

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जयपुर. जानकी नवमी पर शहर में सेवा भारती समिति राजस्थान के तत्वाधान में भव्य सामूहिक सर्वजातीय विवाह समारोह आयोजित किया गया. समारोह में एक ही मण्डप के नीचे अलग-अलग जाति के दूल्हा-दूल्हन परिणय सूत्र में बंधे. 45 जोड़ों का विवाह भारतीय संस्कृति के अनुरूप विधि विधान से सम्पन्न हुआ. विवाह समारोह में 7 अन्तरजातीय सहित कुल 15 जातियों के जोड़े विवाह बंधन में बंधे.

सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह के माध्यम से सामाजिक समरसता, सादगी, समर्पण का दृश्य देखने को मिला. जहाँ आधुनिकता के चलते लोग लाखों रूपये खर्च करते हैं, वहीं इस विवाह से सादगी का एक उदाहरण मिला.

एक साथ 45 घोड़ियों पर दूल्हों की सवारी अग्रवाल केटर्स, विद्याधर नगर से प्रारम्भ होकर विवाह स्थल पहुंची, द्वार पर दूल्हों का स्वागत महिला कार्यकर्ताओं ने पुष्प वर्षा से किया. इसके बाद एक साथ सभी ने तोरण मारने की परम्परा का निर्वहन किया. इस दौरान बड़ी संख्या में वर-वधु पक्ष के लोगों के साथ ही समाज के अन्य गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहे. तोरण के बाद सभी दूल्हा-दुल्हन मंच पर पहुंचे, जहां वरमाला संस्कार सम्पन्न कराया गया.

राम जानकी विवाह समारोह में पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने मंचासीन संतों को नमन कर नवविवाहित जोड़ों को शुभकामनाएं प्रदान कीं. उन्होंने कहा भगवान राम के जीवन से प्रेरणा लेते हुए पूर्वजों की परम्परा और संस्कारों को लेकर आदर्श हिन्दू परिवार की स्थापना करने का संकल्प लें और आगे बढ़ें. उन्होंने सेवा भारती के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि सेवा भारती कोई अलग से संस्था नहीं है. यह सर्व समाज का एक संगठन है जो अभावग्रस्त क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कार और रोजगार, स्वावलम्बन जैसे प्रकल्प संचालित करती है. आज का यह कार्यक्रम कई विषयों को लेकर एक संदेश सब तक पहुंचाने वाला है. हमें पर्यावरण, सामाजिक समरसता, नागरिक शिष्टाचार के तहत अनुशासन का ध्यान रखना होगा.

समरसता का संकल्प

45 जोड़ों के लिए 45 वेदियाँ बनाई गई थीं. जहां दूल्हा-दुल्हन का पाणिग्रहण संस्कार सम्पन्न करवाया गया. हर वेदी पर 2-2 पण्डितों ने मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान से विवाह संस्कार सम्पन्न कराया. नव दम्पत्तियों ने संकल्प लिया कि वे सामाजिक समरसता के लिए काम करेंगे.

श्री खोजी द्वाराचार्य श्री श्री 1008 श्री रामरिज्याल दास महाराज (विवेणी धाम), श्री महापीठाधीश्वर काठियापरिवाराचार्य अनन्त श्री विभूषित स्वामी श्री रामरतनदेवाचार्य श्री महाराज, डाकोर धाम, गुजरात, वेदाती हरिशकर दास महाराज, सियाराम दास महाराज श्री धन्ना पाठीधीश्वर, श्री श्री 1008 बजरंग देवाचार्य महाराज श्रीराम धाम आश्रम, तामड़िया (निवाई), पूज्य संत श्री मुरली मनोहर अकिचन महाराज जयपुर ने नव दम्पत्तियों को मंगल आशीष प्रदान किया.

सेवा भारती समिति राजस्थान की ओर से प्रत्येक वर वधु को उपहार दिये गये. उपहारों में पलंग, गद्दा, तकिये, अलमारी, सिलाई मशीन, कूलर, प्रेस, बर्तन, मिक्सी, बेडशीट, कंगन, पायल, मंगलसूत्र, नाक की लॉग, बिछिया, सुहाग का सामान, वधु के लिए साड़ियां, वर के लिए पेंट-शर्ट आदि दिया गया.

13 वर्ष पहले प्रारम्भ हुई थी यात्रा

विवाह समारोह के आयोजन की शुरुआत भवानी मण्डी से हुई थी. सेवा भारती के कल के सम्मेलन को मिलाकर 22 जिलों के 33 स्थानों पर 2420 जोड़ों का विवाह सम्पन्न करवाया जा चुका है. इस बार सेवा भारती का यह 13वां श्री राम जानकी विवाह सम्मेलन था. इन जोड़ों की आगामी कुछ दिनों में शुभ मुहुर्त निकालकर पग फेरे की रस्म करवायी जाएगी.

सामूहिक विवाह के आयोजन से समाज में समरसता का संदेश दिया गया. सभी समुदाय, सभी जातियों के लोगों ने एक साथ भोजन किया. कहीं कोई छुआ छूत नहीं, ना कोई ऊंच-नीच का भाव दिखाई दिया. सर्वजातीय सामूहिक विवाह के माध्यम से एक नई क्रांति का सूत्रपात हुआ है. पूरे कार्यक्रम में महिला कार्यकर्ताओं ने तन-मन-धन से सहयोग करके मातृशक्ति की प्रबल सामर्थ्य का उदाहरण प्रस्तुत किया.

प्रचार मंत्री रितु चतुर्वेदी ने बताया कि समाज के कई गणमान्य व्यक्तियों ने विवाह समारोह में उपस्थित हो वर-वधु को मंगल जीवन का आशीर्वाद दिया.