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राष्ट्रदेव के सम्पादक अजय मित्तल नहीं रहे

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मेरठ। सांगठनिक कौशल के धनी, अपने लेखन से पहचान स्थापित करने वाले व्यक्तित्व, कलम के सच्चे सिपाही, मिनी गूगल एवं एनसाइक्लोपीडिया के नाम से विख्यात, पत्रकारिता के सशक्त हस्ताक्षर व उद्बोधन कला से सबको मंत्रमुग्ध कर देने वाले अजय मित्तल अब हमारे बीच नहीं रहे। अजय मित्तल जी ७२ वर्ष की आयु में हृदय गति रुक जाने से उनका देहान्त हो गया। परिवार में पत्नी, एक पुत्र एवं एक पुत्री को छोड़कर गोलोक गमन कर गये। 

अजय मित्तल जी का जन्म ३ फरवरी, १९५२ को मेरठ में हुआ था। अजय मित्तल की प्राथमिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर, पूर्वा महावीर से हुई। बाद में उन्होंने एम.एस.सी. फिजिक्स मेरठ कॉलेज, मेरठ से उत्तीर्ण किया। रामानन्द सागर द्वारा निर्देशित रामायण धारावाहिक में भगवान राम के भूमिका निभाने वाले एवं मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के वर्तमान सांसद अरुण गोविल भी अजय मित्तल जी के सहपाठी रहे। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लगभग ६५ वर्षों से स्वयंसेवक थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया। वह संघ के मेरठ प्रान्त के सह-प्रचार प्रमुख, बाद में मेरठ प्रान्त प्रचार प्रमुख रहे। पिछले बीस वर्षों से अधिक से वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मेरठ प्रान्त की जागरण पत्रिका ‘‘राष्ट्रदेव’’ के सम्पादक भी थे। इसके अतिरिक्त प्रज्ञा प्रवाह के क्षेत्र संयोजक का दायित्व का भी निर्वहन कर रहे थे। श्री अजय मित्तल चौ. चरण विश्वविद्यालय के तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल में २०१५ से अतिथि आचार्य के नाते भी अपनी सेवायें दे रहे थे। 

अजय मित्तल के विभिन्न राष्ट्रीय समाचार पत्र-पत्रिकाओं में लगभग १५ हजार पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। साथ ही कई पुस्तकों का लेखन भी अजय मित्तल जी द्वारा किया गया है जिनमें स्वामी विवेकानन्द जी पर आधारित उनके द्वारा पुस्तक बहु प्रचलित है। विभिन्न समाचार चैनेलों में विषय विशेषज्ञ के तौर पर भी वह डिबेट में प्रतिभाग करते रहे हैं। पूरे देश में अजय मित्तल अपनी विद्वता एवं उद्बोधनों के लिये जाने जाते थे। उनके स्वर्गवास से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं मेरठ शहर के आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर व्याप्त हो गयी। अनेक कार्यकर्ताओं ने उनके निधन को न केवल संगठन के लिये बल्कि राष्ट्र के लिये अपूरणीय क्षति बताया है। उनका अन्तिम संस्कार आज सायं 5 बजे सूरजकुण्ड पर हुआ |