राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर पश्चिम क्षेत्र के कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम के समापन अवसर पर क्षेत्र प्रचारक निंबाराम जी ने कहा कि संघ के निरन्तर विस्तार का आधार है स्वयंसेवकों का आत्मानुशासन व उनकी सामाजिक आत्मीयता. गुणवत्ता व दृद्धता बढ़ाते हुए संघ शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है. व्यापक समाज में भाव परिवर्तन एक-एक व्यक्ति के भाव परिवर्तन से होता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मनुष्य का विवेक जागृत कर उसे श्रेष्ठ आचरण के लिए प्रेरित करता है.
ऐसे स्वभाव को व्यवहार में लाने पर चर्चा करते हुए कहा कि समाज में जन्म आधारित भेदभाव समाप्त होना चाहिए. सम्पूर्ण हिन्दू समाज को एकात्म व एकरस बनाने के लिए स्वयं में एवं अपने परिवार में बदलाव लाना आज समय की आवश्यकता है. परिवार ईकाई ही अपने समाज में सांस्कृतिक जीवन मूल्यों का संवर्द्धन कर अगली पीढ़ी में ले जाने का सशक्त माध्यम है. पारिवारिक जीवन निभाते समय छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से जीवन में बड़ा परिवर्तन आता है. परिवार से ही स्वच्छ वातावरण, पर्यावरण के प्रति चेतना का भाव लाना व पंच तत्वों की उचित देखभाल करना, जल व ऊर्जा की बचत करने आदि के संस्कार मिलते हैं. अतः परिवार में समाज व देश हित के विषयों की समय समय पर चर्चा हो.
जब ‘स्व’ आधारित जीवन होगा, तभी भारत की विश्व में मान्यता होगी. ‘स्व’धर्म, ‘स्व’भाषा, ‘स्व’देशी वस्तुओं का उपयोग व तंत्र अर्थात शिक्षा, न्याय व्यवस्था आदि में ‘स्व’ आने से ‘स्व’तंत्रता सार्थक होगी. व्यक्ति से लेकर राष्ट्र के सम्पूर्ण जीवन पर्यन्त, सभी आयामों में ‘स्व’ का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान है. और यह सब होगा कर्तव्य पालन की प्रतिबद्धता से. भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने पर प्रत्येक सुसभ्य नागरिक अर्थात, शाखा व परिवार के अलावा सामाजिक जीवन में अनुशासन पालन के लिए कृत संकल्प होकर अपना उदाहरण प्रस्तुत करे.
वैचारिक संघर्ष के समय में अफवाह फैलाकर दुष्प्रचार के माध्यम से समाज तोड़ने का प्रयास इस बार चुनाव में भी दिखा. हम स्वयं सजग होकर भारत को तोड़ने वाले विचार व व्यक्तियों को समाज के समक्ष उजागर कर भारत का सत्य आधारित विश्व कल्याणकारी विचार स्थापित करें. समाज की सज्जन शक्ति को साथ लेकर चलने से संघ समाज रूपी सागर से एकाकार हो सकेगा.
वार्षिक प्रशिक्षण की श्रृंखला में राजस्थान क्षेत्र में चल रहे दस वर्गों में से कोटा में आयोजित कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम में राजस्थान क्षेत्र के 22 विभाग, 71 जिलों से 352 शिक्षार्थियों ने प्रशिक्षण लिया.
प्रकट समारोह में वर्ग कार्यवाह ने मंचस्थ अतिथियों का परिचय करवाकर प्रतिवेदन का वाचन किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वंशवर्धन सिंह महाराव साहब बूंदी रहे. बीस दिवसीय वर्ग में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी, सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर जी सहित अन्य अधिकारियों का सान्निध्य प्राप्त हुआ. वर्ग के प्रकट समारोह में बड़ी संख्या में बन्धु भगिनी उपस्थित रहे.