उत्तराखण्ड
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा
विभाग की समीक्षा बैठक में स्कूलों में श्रीमद्भगवत गीता को पाठ्यचर्या में शामिल
करने का निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा में नवाचार के लिए अगले 10 सालों की योजना
बनाने और दिसम्बर 2026 तक शिक्षा गतिविधियों का कैलेंडर बनाने के भी निर्देश दिए हैं।
भारत की संस्कृति इतनी विशाल है कि वो पीढ़ी दर पीढ़ी लगातार आगे बढ़ रही है, जिसके कारण आज युवा अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों को जान रहे हैं, और इस सांकृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए हुए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा एक पहल की गई है। जिसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बच्चों को स्कूलों में श्रीमद्भगवद् गीता का अध्ययन कराया जाए, जिससे वह न केवल नैतिक शिक्षा प्राप्त करें, बल्कि अपनी सांस्कृतिक जड़ों से भी गहराई से जुड़ें रहेंगे। इस बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ धनसिंह रावत भी उपस्तिथि रहे, बैठक में मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के लिए अगले 10 वर्षों की मास्टर प्लान ‘रजतोत्सव' कलेंडर बनाने के निर्देश दिए हैं।
इन प्रयासों से लगता है कि सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने और बच्चों को धार्मिक मूल्यों से जोड़े रखने के लिए प्रशासन लगातार हर संभव प्रयास कर रहा है, समय समय पर प्रशन द्वारा श्री हनुमान चालिसा सहित अन्य मन्त्रों का अभ्यास कराया जाता है। जिससे हमारी संस्कृती को बढ़ावा मिले, और देश का भविष्य अपनी सांकृतिक जड़ों से जुड़ा रहे।