समालखा, हरियाणा (21 सितम्बर, 2024).
सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र, समालखा (हरियाणा) में वनवासी कल्याण आश्रम के तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकर्ता सम्मेलन के दूसरे दिन देश के सभी राज्यों से आए कार्यकर्ताओं ने अपने प्रांत के प्रकल्पों, गतिविधियों और कार्यों का वृत्त कथन किया.
दूसरे दिन का शुभारंभ मणिपुर से आए जनजाति कार्यकर्ता ने स्थानीय भाषा में अपनी परम्परागत प्रार्थना से किया.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी आज से सम्मेलन के समापन तक समालखा के कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे.
उनके करकमलों से सम्मेलन परिसर में आज सायंकाल 6.30 बजे जनजाति समाज की पूजा पद्धतियों के निदर्शन का उद्घाटन होगा. सम्मेलन स्थल पर बनाए गए पंडाल के अलग-अलग स्टॉल पर देश की विभिन्न जनजातियां अपने-अपने रीति-रिवाज, परम्परागत पूजा पद्धति का निदर्शन करेंगी. जिसका उद्देश्य भारत की एकात्मता के दर्शन कराना है. कोई साकार को पूजता है, तो कोई निराकार को. इस आयोजन में विविधता के साथ एकत्व की अनुभूति होगी. जो हिन्दू धर्म-संस्कृति के साथ सभी को जोड़ती है. नगर महानगर और सुदूर वन-पर्वतों से सम्मेलन में पधारे सभी महिला-पुरूष कार्यकर्ता सांस्कृतिक एकता की प्रत्यक्ष अनुभूति करेंगे.
वर्तमान भारत सांस्कृतिक संकट से गुजर रहा है. इस संदर्भ में भारत की सांस्कृतिक पहचान और एकता को दृढ रखने के लिए आयोजन किया गया है.
सम्मेलन सत्र के दौरान रेखा नागर और डॉ. मदन सिंह वास्केल द्वारा लिखित रानी दुर्गावती- नारी शक्ति की अनूठी मिसाल, डॉ. राजकिशोर हांसदा द्वारा लिखित संताल जनजाति की सृष्टि कथा, रामलाल सोनी द्वारा लिखित अपनों के अपने जगदेव राम और विवेकानंद द्वारा अंग्रेजी में लिखित ग्लोबल जेनोसाइड ऑफ इंडीजीनस पीपल्स नामक पुस्तक सहित कुल 14 पुस्तकों का विमोचन भी किया गया. राष्ट्रीय संगठन मंत्री अतुल जोग ने रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती और बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष पर सभी केंद्रों और प्रकल्प स्थानों पर कार्यक्रम करने के लिए आह्वान किया.