बिना छल के पूरे विश्व में अपनी संस्कृति का परचम लहरा रहा है भारत – स्वामी अवधेशानंद गिरि जी
पानीपत. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा कि सेवा, साधना और ग्राम हमारे धर्म की अभिव्यक्ति है. इसी के आधार पर भारत के परमवैभव को स्थापित किया जा सकता है. आज पूरा विश्व भारत की ओर अपेक्षा भरी दृष्टि से देख रहा है. राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ ज्ञान, बल और शक्ति को आधार बनाकर पूरी मानवता के विकास के लिए कटिबद्ध है.
सरकार्यवाह जी शनिवार को पानीपत के पट्टीकल्याणा में श्री माधव जनसेवा न्यास द्वारा नवनिर्मित सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र के लोकार्पण समारोह में सम्बोधित कर रहे थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी ने की. कार्यक्रम का शुभारंभ हवन एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया. हवन में यज्ञमान के रूप में श्री माधव जन सेवा न्यास के अध्यक्ष एवं प्रांत संघचालक पवन जिंदल मुख्य रूप से उपस्थित रहे. यह केंद्र आस-पास के 100 गांवों को गोद लेगा और इसमें आत्मनिर्भर ग्राम विकास की परिकल्पना पर काम होगा. यहां कौशल विकास केंद्र भी स्थापित किया जाएगा. इसके लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ एम.ओ.यू. किया गया है.
सरकार्यवाह जी ने कहा कि सेवा, साधना एवं ग्राम विकास केंद्र के निर्माण में एक लाख परिवार जुड़े हैं और इसके माध्यम से लाखों परिवारों के उत्थान की परिकल्पना तैयार की गई है. यह प्रकल्प समाज का है, समाज से है और समाज के लिए है. इसे आज समस्त मानवता के लिए समर्पित किया गया है. प्रत्येक स्वयंसेवक प्रकल्प के पीछे की शक्ति है और इसमें पूरे समाज की ऊर्जा लगी है. इसलिए हम समस्त समाज के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं. समाज में बहुत से लोग सेवा करना चाहते हैं, लेकिन उसके लिए स्थान होना चाहिए. इसलिए पूरे देश व विदेशों में ऐसे प्रकल्पों की आवश्यकता है.