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शक्ति पीठ मां पूर्णा गिरी धाम मेला शुरू, सीएम धामी ने पूजा अर्चना कर किया शुभारंभ

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अपने गृह जनपद चंपावत में स्थापित शक्तिपीठ माता पूर्णा गिरी धाम मेले का शुभारंभ सीएम धामी ने किया, आज से नवरात्रि पर्व तक लाखो श्रद्धालु भारत नेपाल से यहां माता के दर्शन जाने आते है। सीएम धामी ने पूर्णा गिरि माता के पूजन करते हुए कहा कि माता ने ही मुझे यहां सेवा करने के लिए बुलाया है, उन्होंने कहा कि गढ़वाल चारधामों के विकास की तरह हमारी सरकार ने मानसखंड के साठ मंदिरो का हम स्थल विकास कर रहे है जिसमे माता पूर्णागिरी धाम भी शामिल है। उन्होंने कहा माता पूर्णा गिरि केवल हमारी ही नहीं बल्कि नेपाल की भी कुलदेवी है और इसी कारण यहां नेपाल से भी हजारों श्रद्धालु यहां आते है। सीएम धामी ने कहा कि सरकार ने यहां मेले के लिए अतिरिक्त बसों को लगाया है साथ ही रेल मंत्री से यूपी से नई ट्रेनें चलाने का भी अनुरोध किया गया है

मुख्यमंत्री श्री धामी ने टनकपुर जौलजीबी मोटर मार्ग के बाटनागाड़ में पुल का निर्माण किए जाने, भैरव मंदिर में स्थाई पुलिस चौकी बनाए जाने, पूर्णागिरि क्षेत्र को इको टूरिज्म हब के रूप में विकसित किए जाने, टनकपुर शारदा नदी के तट पर कर्मशाला का निर्माण किए जाने, बनबसा में मुक्तिधाम का निर्माण किए जाने, बनबसा खटीमा सितारगंज होते हुए टनकपुर से राजस्थान खाटूश्याम के लिए बस सेवा शुरू किए जाने, चम्पावत पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात हेतु रात्रि में भी खोले जाने, राजकीय प्राथमिक विद्यालय भजनपुर में एक फ्लोर और चार अतिरिक्त कक्ष बनाये जाने, चंपावत में साइंस सेण्टर का निर्माण किए जाने, श्री पूर्णागिरी मंदिर घाटी क्षेत्र में हेलीपेड का निर्माण किया जाने एवं आदि कैलाश, ओम पर्वत की यात्रा को जाते वक्त अल्मोड़ा से एवं चम्पावत के रास्ते यात्रा को वापस लाए जाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति की पताका संपूर्ण विश्व में लहरा रही है और दुनिया भर के देश हमारी प्राचीन संस्कृति और दर्शन से परिचित हो रहे हैं। हमारे धर्म ने कभी भी ’’स्व’’ अर्थात स्वयं की बात नहीं की, इसने सदा ’’सर्व’’ अर्थात सभी की बात की है, यही हमारी विशेषता है। हजारों वर्षों के पश्चात भी विश्व हमारी आस्थाओं और मान्यताओं के सामने नतमस्तक है। हम सभी का यह कर्तव्य है कि हम अपने धर्म मार्ग से कभी विचलित ना हों और अपनी सनातन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए सदैव प्रयत्नशील रहें। आज देश में प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की भावना पुनः जागृत हुई है। वहीं प्रदेश सरकार भी उत्तराखंड के प्राचीन मंदिरों के पुर्ननिर्माण और जीर्णोद्वार के लिए प्रतिबद्ध है। आध्यात्मिक एवं धार्मिक रूप से उत्तराखंड को देवी-देवताओं की भूमि माना जाता है। यही कारण है कि गढ़वाल मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों को भगवान केदारनाथ की भूमि मानते हुए जहां केदारखंड पुकारा जाता है वहीं कुमाऊं मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों को कैलाश मानसरोवर की भूमि मानते हुए मानसखंड कहा जाता है।

मुख्यमंत्री धामी ने शारदा नदी में रिवर राफ्टिंग की भी शुरुआत करते हुए कहा कि यहां पर्यटक आयेंगे और उससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि वाटर स्पोर्ट्स की यहां असीम संभावनाएं है जिसपर हम लोगो को रोजगार के अवसर दे रहे है, पर्यटन तीर्थाटन से ही उत्तराखंड का आर्थिक चक्र घूमता है।