कानपुर। जिले में वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण पूरा कर प्रशासन ने शासन को रिपोर्ट भेज दी है। कानपुर में कुल 1669 वक्फ संपत्तियां चिह्नित की गई हैं, जिनमें 548 सरकारी संपत्तियां शामिल हैं। इन संपत्तियों में मस्जिद, कब्रिस्तान, ईदगाह, यतीमखाना और दरगाह प्रमुख रूप से मौजूद हैं।
वक्फ संपत्तियों का वितरण -
जिले की चारों तहसीलों में संपत्तियों का वर्गीकरण इस प्रकार है:
• सदर तहसील: सुन्नी वक्फ बोर्ड की 914 और शिया वक्फ बोर्ड की 34 संपत्तियां।
• घाटमपुर तहसील: 189 संपत्तियां।
• बिल्हौर तहसील: 388 संपत्तियां।
• नर्वल तहसील: 144 संपत्तियां।
548 सरकारी संपत्तियां चिन्हित -
इनमें से 548 संपत्तियां सरकारी भूमि पर स्थित हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 89 हेक्टेयर है। इन पर मस्जिद, कब्रिस्तान और अन्य धार्मिक स्थल बने हैं। राजस्व विभाग के पास इन संपत्तियों का पूरा विवरण उपलब्ध नहीं था, जिसे अब प्रशासन ने सर्वे के जरिए स्पष्ट किया है।
मुख्य वक्फ संपत्तियां -
सुन्नी वक्फ बोर्ड -
• मुस्लिम यतीमखाना
• नवाबगंज स्थित मस्जिद खैरात अली
• नील वाली गली की संपत्ति
• परेड स्थित वक्फ मस्जिद
• खलवा कब्रिस्तान
• पार्वती बागला रोड स्थित दरगाह
• फजलगंज का हाता फजल हुसैन
शिया वक्फ बोर्ड -
• ग्वालटोली स्थित नवाब बहादुर वक्फ
• कर्नलगंज स्थित हादी बेगम और सरदार बेगम की संपत्तियां
• सूटरगंज स्थित वक्फ हाजी मोहम्मद अली खां
पिछले सर्वेक्षण और वर्तमान स्थिति -
वर्ष 2021 में भी वक्फ संपत्तियों का सर्वे कराया गया था, लेकिन विरोध के चलते कार्रवाई ठप हो गई थी। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सर्वेक्षण दोबारा शुरू हुआ।
प्रशासन का बयान -
डॉ. राजेश कुमार, एडीएम सिटी और वक्फ संपत्ति नोडल अधिकारी, ने बताया कि सर्वेक्षण की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। अब शासन स्तर पर इन संपत्तियों का अध्ययन कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
संपत्तियों की उच्च कीमत -
इन वक्फ संपत्तियों में से कई संपत्तियां उच्च बाजार मूल्य वाले क्षेत्रों, जैसे परेड, नवाबगंज, और ग्वालटोली में स्थित हैं। इनमें से अधिकांश संपत्तियां धार्मिक स्थलों और सामाजिक सेवा केंद्रों के रूप में उपयोग में हैं।