पश्चिम बंगाल से घर वापसी का
मामला प्रकाश में आया है, जहां दो मुस्लिम युवतियों ने सनातन धर्म में घर वापसी कर ली।दोनों
युवतियाँ सनातन धर्म में महिलाओं को मिलने वाले सम्मान और स्वतंत्रता से बहुत अधिक
प्रभावित थीं। तनु बानो खातून ने सनातन धर्म में घर वापसी कर अनु और अनीशा खातून
इस्लामिक कट्टरता को त्याग कर अन्वेशा बन गईं हैन। इसके बाद दोनों ने हिन्दू
युवकों से विवाह कर लिया।
दोनों युवतियों ने घर वापसी
करने के बाद कहा कि वो लंबे वक्त से हिन्दू धर्म में महिलाओं को मिलने वाले सम्मान
से प्रभावित थी और घर वापसी करना चाहती थीं। लेकिन उनके परिजन लगातार इसका विरोध
कर रहे थे। हालांकि, दोनों ने अपने जीवन में परिवर्तन लाने के लिए सनातन धर्म अपनाने का निर्णय
लिया।घर वापसी के बाद संभावित जोखिम से बचने के लिए उन्होंने मीडिया से अपनी पहचान
छुपाने का फैसला किया है। साथ ही घर वापसी के बाद कट्टरपंथियों द्वारा दी जा रही
धमकियों और दुर्व्यवहारों से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है।
वहीं बरेली
और सीतापुर के एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, दो मुस्लिम
महिलाओं ने घर वापसी कर सनातन धर्म अपनाया जिसके बाद निदा बनीं निधि और निशा बनीं
राधिका। हिजाब, हलाला और तीन
तलाक जैसी इस्लामी प्रथाओं के विपरीत, हिंदू धर्म में महिलाओं को दी जाने वाली स्वतंत्रता
और सम्मान से उनके मां में सनातन के
प्रति आस्था बढ़ी।