• अनुवाद करें: |
मुख्य समाचार

खुल गए पवित्र धर्मस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट, जो बोले सो निहाल...का लगा जयकारा

  • Share:

  • facebook
  • twitter
  • whatsapp

हेमकुंड साहिब के कपाट आज शनिवार 25 मई को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं. आज सुबह पंच प्यारों की अगुवाई में सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था हेमकुंड साहिब पहुंचा. इसके बाद हेमकुंड साहिब की यात्रा 2024 शुरू हो गई है. हेमकुंड साहिब में स्थित श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट बुद्ध पूर्णिमा को खुले थे.

गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह और बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने जत्थे को रवाना किया जो अपराह्न तीन बजे घांघरिया पहुंचा था। इसके बाद 25 मई को सुबह साढ़े नौ बजे हेमकुंड साहिब के कपाट विधि-विधान से खोल दिए गए। शुक्रवार को सुबह छह बजे से गोविंदघाट गुरुद्वारे में गुरुवाणी का पाठ, अरदास, सबद कीर्तन और अखंड पाठ का आयोजन हुआ।

इसके बाद सुबह आठ बजे गुरुद्वारे से पंचप्यारों की अगुवाई में श्रद्धालुओं का जत्था घांघरिया के लिए रवाना हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं में यात्रा को लेकर उत्साह देखने को मिला। गोविंदघाट गुरुद्वारे के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया, शनिवार को घांघरिया से सुबह करीब नौ बजे श्रद्धालुओं का जत्था हेमकुंड साहिब पहुंचा। उसके बाद सुबह साढ़े नौ बजे हेमकुंड साहिब के कपाट खोल दिए गए।

आज दो हजार श्रद्धालुओं के गुरुद्वारे में शीश निवाने की अनुमति दी गई ,जबकि आगे 3500 श्रद्धालुओं को ही अनुमति, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा दी गई है। करीब 18 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित इस पावन गुरुद्वारे तक पहुंचने के लिए 21 किमी का पैदल सफर तय करना पड़ता है जिसके लिए गोविंद घाट से यात्रा शुरू होती है रास्ते में घांघरिया गोविंद धाम में भी पड़ाव है। गुरुद्वारे के बराबर में ही लक्ष्मण मंदिर है जिसके कपाट भी आज खोल दिए गए हैं।

    Enjoy a comfortable Hemkund Sahib Yatra

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा आने वाले सभी श्रद्धालुओं से मेडिकल चेक अप करवा कर आने की अपील की है और इसके लिए उनके द्वारा ऋषिकेश गुरुद्वारे में व्यवस्था भी की गई है। उच्च रक्तचाप और ह्रदय रोगियों को उच्च हिमालय क्षेत्र में ऑक्सीजन की कमी में दिक्कत पेश आती रही है। पहले ही दिन ही लुधियाना निवासी साठ वर्षीय श्रद्धालु जसविंदर सिंह की हृदय गति रुक जाने से मौत हो गई थी। चारधाम में अब तक 52 मौतें प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक बद्रीनाथ में 14, केदारनाथ में 23 यमनोत्री में 12 और गंगोत्री में 03 लोगों की स्वास्थ्य कारणों से मौतें हो चुकी है, इनमें ज्यादातर 55 साल से ऊपर आयु के तीर्थ यात्री हैं।चार धाम यात्रा में इस बार भारी भीड़ है,ऑनलाइन पंजीकरण कराने वाली तीर्थ यात्रियों की संख्या 32 लाख के पास पहुंच गई है। सरकार ने 30 मई तक ऑफलाइन पंजीकरण पर रोक लगाई हुई है।

केदारनाथ में 23 घंटे पूजा, एक घंटा सफाई ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ में 19 घंटे श्रद्धालु दर्शन कर रहे है, भोर में 4 घंटे रुद्राभिषेक पूजा अर्चना हो रही है, केवल एक घंटा मंदिर की सफाई की वजह से दर्शनों पर रोक लगाई जाती है, ये व्यवस्था पहली बार देखने में आईं है और इसके पीछे मुख्य कारण श्रद्धालुओं की लंबी कतार है,जो कि समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है।