बच्चों की नई-नई तकनीकों से अवगत कराने में एक शिक्षक का विशेष सहयोग होता है. इसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया जाता है. इसी तरह से शिक्षक दिवस पर 17 गुरुओं को शैलेश मटियानी पुरस्कार प्रदान किया गया. इसमें रानीखेत में एक विद्यालय के प्रधानाचार्य राम जनी सिंह भी शामिल है. उन्हें यह पुरस्कार नवाचार पर नैनिहालों को स्मार्ट क्लास के साथ-साथ कम्पुटर का ज्ञान, ऑनलाइन पढाई व प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के लिये प्रदान किया गया है.
2015 में जब उन्होंने प्राथमिक विद्यालय का पदभार संभाला, तब छात्रो की संख्या सिर्फ 53 ही थी. जो बाद में बढकर 111 हो गई थी. 2018 से अबतक 18 छात्रों का चयन जवाहर व नवोदय विद्यालय में हुआ हैं. उनके प्रयासों के कारण ही विद्यालय में सुविधाजनक प्रसाधन केंद्र का निर्माण किया गया.
ऐसी ही एक और कहानी है बागेश्वर में विद्यालय के एक सहायक अध्यापक नरेंद्र गोस्वामी की, उन्हें भी शिक्षक दिवस पर शैलेश मटियानी पुरस्कार देहरादून में दिया गया. राजकीय जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक नरेंद्र गोस्वामी के नेतृत्व में बच्चे बेहतर लेख का प्रयास करतें हैं. पढाई के साथ-साथ उन्हें लोकल फॉर वोकल के तहत कई तरह की कलाकृतियाँ भी सिखाई जा रहीं हैं. इस कार्य की महानिदेशक द्वारा भी सराहना की गई है.
छात्रों को नई-नई तकनीकों से अवगत कराने का कार्य एक अच्छे गुरु के नेतृत्व नही संभव हो सकता है. एक गुरु के ही कारण ही विद्यार्थी अपनी सफलता की उडान भरता है. ऐसे गुरुओं को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए.