पुणे (05 सितम्बर, 2024).
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि खंडोबा देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वालों के देवता हैं. जेजुरी गढ़ पर आने के कारण आज सच्चे अर्थों में मुझे देव दर्शन हुआ है. यह आस्था का केंद्र समाज के जागरण का केंद्र है और धर्म इसी आस्था के कारण कायम है. उन्होंने कहा कि हमारा धर्म भौतिक जगत की महिमा के साथ-साथ आध्यात्मिकता में निपुणता की बात करता है. जेजुरी गढ़ के आसपास कोई भी विदेशी आक्रमणकारी गहरी नींद नहीं सो सका था. धर्म आस्था से है और यही वह स्थान है जो उसे जागृत करता है.
सरसंघचालक जी ने गुरूवार को (ता.5) जेजुरी स्थित श्री मार्तंड देव संस्थान में जाकर श्री श्री खंडोबा के दर्शन किए. इस अवसर पर श्री मार्तंड देव संस्थान के अध्यक्ष व मुख्य ट्रस्टी अनिल सौंदडे, ट्रस्टी अभिजित देवकाते, ट्रस्टी राजेंद्र खेडेकर, ट्रस्टी मंगेश घोणे, ट्रस्टी एडवोकेट विश्वास पानसे, ट्रस्टी एडवोकेट पांडुरंग थोरवे, ट्रस्टी पोपट खोमणे, पदेन ट्रस्टी तथा तहसीलदार विक्रम राजपूत, प्रबंधक आशिष बाठे उपस्थित थे. देव संस्थान और जेजुरी गांववासियों की ओर से सरसंघचालक को सम्मानपत्र प्रदान किया गया. मंगेश घोणे ने स्वागत किया, जबकि अनिल सौंदडे ने प्रस्तावना रखी. मुख्य ट्रस्टी सौंदडे ने जानकारी दी कि गढ़ पर आगामी समय में नया भक्त निवास बनाया जाएगा तथा गुरूकुल पद्धति की शिक्षा भी उपलब्ध कराई जाएगी.
समरसता के कार्य हेतु सम्मानपत्र
देव, देश, धर्म कायम रहे इसके लिए मंदिर, पानी और शमशान के विषयों पर समरसता का वातावरण बनाने के लिए देश में अग्रणी के रूप में कार्य कर रहे हैं. इसलिए यह सम्मानपत्र दिया जा रहा है. – देव संस्थान
“जो ऊपर उठाना चाहते हैं उन्हें थोड़ा झुकना चाहिए, जो ऊपर आना चाहते हैं, उन्हें अपनी एड़ियां थोड़ी ऊपर उठानी चाहिए. तभी समानता और समरसता का परिचय दिया जाएगा,”
सरसंघचालक के इस वक्तव्य को भी सम्मान पत्र में जगह दी गई है.
श्री खंडेराय की पगड़ी, कंबल और भारत माता की तस्वीर देकर संरसंघचालक जी का स्वागत किया गया.
द्वादश मल्हार दर्शन सृष्टि का भूमिपूजन
महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों में खंडोबा देव के 12 प्रमुख स्थान हैं. देव संस्थान और पुरातत्त्व विभाग जेजुरी आने वाले श्रद्धालुओं को एक ही स्थान पर दर्शन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से द्वादश मल्हार दर्शन सृष्टि की स्थापना करने जा रहे हैं. इसका भूमिपूजन और आधारशिला का लोकार्पण सरसंघचालक ने किया