बिहार में धर्मांतरण का खेल: नौकरी और एडमिशन के नाम पर पादरी गरीबों का ब्रेनवॉश कर बना रहा ईसाई
- रिपोर्ट्स के अनुसार, वह पिछले एक दशक से गरीब और दलित महिलाओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर कर रहा था
- एक और चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ जब पादरी सुनील कुमार ने एक हिन्दू विधवा महिला की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की
बिहार के सीवान जिले के एक गाँव में पादरी सुनील कुमार पर धर्मांतरण का बड़ा रैकेट चलाने का आरोप लगा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वह पिछले एक दशक से गरीब और दलित महिलाओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर कर रहा था। बताया जा रहा है कि वह हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा छोड़कर यीशु मसीह की आराधना करने पर नौकरी और कॉलेज में एडमिशन दिलाने का लालच देता था।
गरीब हिन्दू महिला की जमीन कब्जाने की साजिश
इस मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ जब पादरी सुनील कुमार ने एक हिन्दू विधवा महिला की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। उसने महिला की आर्थिक तंगी का फायदा उठाकर उसे ₹2 लाख का कर्ज दिया और फिर उसके घर को धर्मांतरण केंद्र के रूप में इस्तेमाल करने लगा। जब महिला ने इसका विरोध किया तो वह उस पर दबाव बनाने लगा और पैसे वापस मांगने लगा।
गाँव में चल रहा था गुप्त धर्मांतरण केंद्र-
स्थानीय लोगों के अनुसार, पादरी सुनील कुमार 2014 से गाँव में किराए के मकान में प्रार्थना सभाएँ आयोजित कर रहा था। हर रविवार वहाँ 100 से ज्यादा लोग आते थे, जिनमें अधिकतर महिलाएँ होती थीं। जब उसे मकान खाली करने को कहा गया तो उसने झोपड़ी डालकर वहीं अपना प्रचार जारी रखा। बाद में उसने हिन्दू विधवा की जमीन पर कब्जा कर इसे ईसाई धर्मांतरण केंद्र बनाने की योजना बनाई।
नौकरी और एडमिशन के नाम पर ब्रेनवॉश-
पादरी महिलाओं को यह कहकर बहकाता था कि उनकी समस्याओं का समाधान शिव या दुर्गा नहीं कर सकते, बल्कि यीशु की आराधना से ही मुक्ति मिलेगी। उसने कई गरीब और दलित महिलाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा छोड़ने के लिए मजबूर किया। हालांकि, आधिकारिक रूप से उन्होंने धर्म नहीं बदला, लेकिन अब वे हिन्दू परंपराओं का पालन नहीं करतीं।
गाँववालों में आक्रोश, कार्रवाई नहीं-
बजरंग दल ने हाल ही में इस पादरी का विरोध किया, जिसके बाद वह गाँव से गायब हो गया। ग्रामीणों में इस पूरे मामले को लेकर गुस्सा है, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों की मांग है कि इस तरह के जबरन धर्मांतरण के मामलों की जाँच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।