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वाराणसी में अमेरिका के राजदूत गंगा आरती देख हुए भावुक

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वाराणसी । 

  • कहा सनातन और हिंदू संस्कृति को पूरी तरह समझने की आवश्यकता
  • सभी धर्मों का सम्मान करती है भारतीय संस्कृति

वाराणसी, जिसे विश्व के सबसे प्राचीन शहरों में से एक माना जाता है, अपनी संस्कृति, धार्मिकता और अद्भुत परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ हर शाम गंगा आरती का आयोजन किया जाता है, जो लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है। हाल ही में, अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने इस आरती समारोह में भाग लिया और इस अनुभव ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने कहा वाराणसी तुमने मेरी आत्म को छू लिया है, वाराणसी के मशहूर घाटों से सूर्योदय और गंगा आरती देखना एक खूबसूरत याद दिलाता है कि परंपरा हमें कैसे गढ़ती है।


गंगा आरती का महत्व-

गंगा आरती भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि गंगा नदी की पवित्रता और उसके साथ जुड़े विश्वासों का भी प्रतिनिधित्व करती है। हर शाम, काशी विश्वनाथ मंदिर के पास घाटों पर गंगा आरती का आयोजन होता है, जहाँ भक्त और पर्यटक दोनों उपस्थित होते हैं। आरती के दौरान दीप जलाए जाते हैं, मंत्रोच्चारण होता है और गंगा नदी को प्रणाम किया जाता है।


एरिक गार्सेटी का अनुभव-

एरिक गार्सेटी ने गंगा आरती में भाग लेते हुए अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा, "यह मेरे लिए एक अद्भुत अनुभव है। यहाँ की संस्कृति, लोग और आस्था ने मुझे गहराई से प्रभावित किया है।" आरती के दौरान उन्होंने देखा कि किस प्रकार श्रद्धालु एकत्र होते हैं और अपने ईश्वर के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करते हैं। यह दृश्य उनकी आंखों में आंसू लाने वाला था, जो भारतीय संस्कृति की गहराई और उसकी विविधता को दर्शाता है।


सांस्कृतिक संबंधों का पुल-

गार्सेटी ने इस अवसर पर भारत और अमेरिका के बीच सांस्कृतिक संबंधों को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अनुभव दोनों देशों के बीच एक पुल का काम करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस प्रकार के कार्यक्रमों में भाग लेकर भारतीय संस्कृति के प्रति अपनी समझ और गहराई को बढ़ाना चाहते हैं।


स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया-

अमेरिका के राजदूत की उपस्थिति ने स्थानीय लोगों को भी गर्वित किया। उन्होंने गार्सेटी का स्वागत किया और उन्हें वाराणसी की अद्भुत परंपराओं और संस्कृति से अवगत कराया। स्थानीय लोगों ने गार्सेटी के साथ बातचीत की और उनकी बातें सुनकर उन्हें बहुत अच्छा लगा।


भविष्य की संभावनाएँ-

गार्सेटी का यह अनुभव केवल व्यक्तिगत नहीं था, बल्कि इससे यह संकेत मिलता है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय संबंधों को सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से और मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे वाराणसी के अनुभव को अपने देश वापस ले जाएंगे और इसे साझा करेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच के संबंध और भी मजबूत होंगे। वाराणसी में गंगा आरती में एरिक गार्सेटी की भावुकता ने यह साबित कर दिया कि संस्कृति और आस्था के इस अद्भुत संगम से न केवल व्यक्तिगत अनुभव बढ़ते हैं, बल्कि ये वैश्विक संबंधों को भी मजबूती प्रदान करते हैं। यह घटना सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है कि वे अपनी संस्कृति की गहराई को समझें और उसे दुनिया के सामने प्रस्तुत करें। इस प्रकार, वाराणसी की गंगा आरती ने न केवल गार्सेटी को भावुक किया, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया कि सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत बनाने की आवश्यकता है।