राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी के अवध प्रान्त प्रवास के अन्तिम दिन में सरस्वती कुंज निराला नगर लखनऊ में आज प्रबुद्ध नागरिकों के साथ बैठक सम्पन्न हुई.
प्रबुद्ध नागरिकों से चर्चा के दौरान सरसंघचालक जी ने कहा कि संघ सम्पूर्ण समाज को संगठित करना चाहता है, इसमें संघ के लिए कोई पराया नहीं है. जो आज हमारा विरोध करते हैं, वे भी हमारे अपने हैं. यह हमारा पक्का है कि उनके विरोध से हमारी क्षति न हो, इतनी चिंता हम ज़रूर करेंगे. लेकिन हम लोग तो सर्व लोकयुक्त भारत वाले लोग हैं, मुक्त वाले नहीं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाते सबको जोड़ने का हमारा प्रयास है और सबको बुलाने का भी हमारा प्रयास रहता है. संघ के स्वयंसेवकों द्वारा समाज में अनेक अच्छे काम समाज परिवर्तन हेतु किए जा रहे हैं, आप सब प्रबुद्धजन उन कार्यों में सहयोगी हो सकते हैं.
सामाजिक परिवर्तन एवं राष्ट्र कार्यों में अपनी-अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन करते हुए राष्ट्र को अपने स्वत्व पर खड़ा करने के लिए और परम वैभव सम्पन्न बनाने के लिए, इस राष्ट्र को समझकर और सारे देश को एक करने की दिशा में जो भी छोटा-बड़ा काम आप अपनी पद्धति से करना चाहते हैं, वह कीजिए. इतिहास में हम यह लिखा देखना नहीं चाहते कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कारण देश का उद्धार हुआ, हम यह लिखा देखना चाहते हैं कि इस देश में एक ऐसी पीढ़ी निर्माण हुई, उन्होंने उद्यम किया और अपने देश को पूरी दुनिया का गुरु बनाया. उस पवित्र कर्तव्य के प्रारंभ के लिए आप सबका आह्वान करता हूँ.