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ढांचा ढहते वक्त का संकल्प पूर्ण, वाल्मीकि रामायण के बालकाण्ड के श्री राम जन्म वाले 18वें सर्ग का पाठ किया

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 ढांचा ढहने के समय उपस्थित एक वेदपाठी श्रद्धालु का श्री रामलला के सम्मुख वाल्मीकि रामायण के राम जन्म प्रसंग के पारायण का संकल्प आज बैसाखी पूर्णिमा पर पूर्ण हुआ.

चेन्नई निवासी स्वामीनाथ शर्मा वेदपाठी होने के साथ वेद पाठशाला भी चलाते हैं. स्वामीनाथ के शिष्य गुरुमूर्ति के अनुसार स्वामीनाथ प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर भी अयोध्या आए थे. पर श्रद्धालुओं की अत्यधिक संख्या देख संकल्प पूर्ति की तिथि निर्धारित नहीं की थी.


अब उचित समय देख पूर्णिमा को 101 श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर के यज्ञ स्थल में वाल्मीकि रामायण के बालकाण्ड के श्री राम जन्म वाले 18वें सर्ग का पाठ किया. इसमें 50 पुरुष, 45 महिलाएं व शेष बालक -बालिकाएं थीं. पूर्णिमा के दिन सरयू स्नान के बाद सुबह होने वाले पारायण के लिए गुरुमूर्ति के साथ श्रीनिवास ने ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य डॉ. अनिल मिश्र से भेंट कर पारायण की रूपरेखा पर चर्चा की थी. बाद में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने भी स्वामीनाथ जी का संकल्प जानकर उन्हें टोली सहित यज्ञशाला में उक्त पारायण के निमित्त सभी व्यवस्थाएं कीं. इस अवसर पर तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय का अभिनंदन भी किया गया. ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने भी कार्यक्रम में भागीदारी की.