उत्तराखण्ड
उत्तराखण्ड की पहाड़ियों में अब फूलों से खुशबू के साथ ही रोजगार भी सृजित हो रहा है। देहरादून, चमोली और बद्रीनाथ जैसे इलाकों में जामुन, लीची, सरसों और वन तुलसी के फूलों से ऐसा शुद्ध शहद तैयार हो रहा है, जो न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन है,अपितु सेहत के लिए भी अनमोल है। यही वजह है कि यह शहद अब विदेशों में भी 3,000 से 3,500 रुपये किलो तक बिक रहा है। खासतौर पर बद्रीनाथ की पहाड़ियों में मिलने वाली वन तुलसी का शहद सबसे अधिक पसंद किया जा रहा है। देहरादून के रोशन मौर्य जैसे युवा अब मधुमक्खी पालन करके अपने गांव में ही रोजगार कमा रहे हैं और दूसरों को भी इससे जोड़ रहे हैं। सरकार की ओर से बी-बॉक्स, ट्रेनिंग और सब्सिडी मिल रही है ताकि और लोग भी इस काम से जुड़ सकें। मधुमक्खियों की मदद से फल और सब्जियों की पैदावार भी बढ़ रही है। यह सिर्फ शहद नहीं, आत्मनिर्भर भारत की मीठी मिसाल है — जहाँ पहाड़ की मिट्टी, फूलों की खुशबू और युवाओं की मेहनत मिलकर भविष्य को संवार रही है।