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न्यायिक जांच में टीम ने जुटाए कई प्रमुख साक्ष्य

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- 400 दंगाइयों की पुलिस ने की पहचान, कार्रवाई की तैयारी 

- हिंसा के दौरान देसी तमंचों का इस्तेमाल और पुलिस पर हमले की पुष्टि 

संभल। संभल हिंसा, जो 27 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई, अब तक गंभीर जांच और कार्रवाई का केंद्र बनी हुई है। घटना में पत्थरबाजी, गोलीबारी, और अफवाहों के कारण चार लोगों की मौत और कई के घायल होने की पुष्टि हुई है। इसके बाद कोर्ट के आदेश के बाद रविवार को न्यायिक जांच की टीम संभल पहुंची। जांच के दौरान उन्होंने कई साक्ष्य जुटाए साथ ही 400 दंगाइयों की पहचान की गई है। 

हिंसा के कारण - 

मूल कारण : मस्जिद परिसर में पानी की हौज खाली कराने की अफवाह ने तनाव को बढ़ावा दिया। अफवाह थी कि मस्जिद में खुदाई की जा रही है, जिससे लोग भड़क गए।

उपद्रव का स्वरूप : हिंसा के दौरान देसी तमंचों का इस्तेमाल और पुलिस पर हमला किया गया। बड़ी संख्या में नई उम्र के लड़कों को शामिल किया गया, जिनका इस्तेमाल दंगे भड़काने के लिए किया गया था।


जांच और कार्रवाई -

1. पहचान और सबूत :

हिंसा में शामिल 400 लोगों की पहचान की जा रही है। इसके लिए ड्रोन, सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय गवाहों की मदद ली जा रही है।

पुलिस ने 120 से अधिक लोगों के फोटो सार्वजनिक किए हैं, और न्यायिक आयोग द्वारा विस्तृत जांच जारी है।

2. कानूनी कार्रवाई :

कई संदिग्धों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगाने की प्रक्रिया चल रही है।

हिंसा को भड़काने में राजनीतिक हस्तियों और अन्य समूहों की भूमिका की भी जांच हो रही है।

3. स्थानीय स्थिति :

घटना के बाद तनावपूर्ण इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद की गई थीं, जिन्हें अब बहाल किया जा रहा है। क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात है।

यह घटना केवल सांप्रदायिक तनाव की नहीं, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं और अफवाहों के प्रभाव की भी प्रतीक है। मामले की न्यायिक जांच से सटीक कारण और दोषियों पर कार्रवाई की उम्मीद है। इस घटना ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति और सुधारों की आवश्यकता को भी उजागर किया है।