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एक संगठित विजयशाली हिन्दू समाज का निर्माण ही संघ का कार्य – अरुण कुमार जी

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परभणी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार जी ने कहा कि चाहे कितना भी अन्याय, अधर्म और असत्य क्यों न व्याप्त हो, जब समाज की सामूहिक शक्ति का निर्माण होता है, तो विजय अवश्य प्राप्त होती है और विजय धर्म की होती है। संघ ने समाज को संगठित किया है और समाज की सामूहिक शक्ति का निर्माण किया है ताकि हमारा राष्ट्र सदैव विजयी रहे।

अरुण कुमार जी परभणी के अष्टभुजा नगर में विजयादशमी उत्सव में संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मंच पर मुख्य अतिथि चार्टर्ड अधिकारी एवं लेखाकार प्रमोद नरहरराव जाधव व अन्य उपस्थित रहे। यह उत्सव परभणी के न्यू मोंढा मैदान में आयोजित किया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना शताब्दी वर्ष है, जिसके उपलक्ष्य में शताब्दी वर्ष में संघ द्वारा विभिन्न समाजोन्मुखी कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे।

अरुण कुमारजी ने कहा, “यह पर्व आस्था और विश्वास का पर्व है। भारत की संस्कृति विश्व में सबसे प्राचीन है। अनेक आक्रमणों के बावजूद भारत आज भी खड़ा है। यह समाज की सामूहिक शक्ति के कारण ही संभव हुआ है। फिर भी समाज में कुछ कमियों के कारण उसे पराधीनता सहनी पड़ी। ऐसा क्यों हुआ और ऐसा दोबारा न हो, इसी चिंतन से संघ का कार्य प्रारंभ हुआ।

जब भी समाज में भेदभाव बढ़ता है, तब राष्ट्रविरोधी ताकतें प्रबल होती हैं। इसलिए संघ ने समाज को संगठित करने का कार्य किया है। साथ ही, वर्तमान परिस्थितियों में हमारे समाज के समक्ष चुनौतियों को देखते हुए, संघ ने समाज के समक्ष पंच परिवर्तन रखे हैं। इन पंच परिवर्तनों के माध्यम से समाज की अनेक समस्याओं का समाधान होगा। इन पांच विषयों में पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली, ‘स्व’ के प्रति जागरूकता, भेदभाव रहित व्यवहार, नागरिक कर्तव्य का पालन और पारिवारिक प्रबोधन शामिल हैं और इन्हें हमें अपने दैनिक जीवन और स्वभाव में उतारना होगा। संघ के 100 वर्ष अनेक कार्यकर्ताओं के त्याग, समर्पण और समर्पण से साकार हो रहे हैं। संघ ने समाज को साथ लेकर अपनी यात्रा की है और यह आगे भी जारी रहेगी।”