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भारत को अमेरिका या जापान बनाने की आवश्यकता नहीं, भारत को भारत बनाए रखने की आवश्यकता है – भय्याजी जोशी

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य भय्याजी जोशी ने कहा कि भाली ग्राम विकास का कार्य कोई साधारण कार्य नहीं है, यह एक असाधारण कार्य है . ग्राम परिवर्तन का कारण यहां के स्थायी निवासियों के संकल्प और विश्वास का परिणाम है. स्वावलंबन संस्कार महिला उत्थान आदि अनेक सामाजिक कार्य यहां चल रहे हैं, इसके लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है. भय्याजी जोशी शनिवार को भाली गाँव में आयोजित आठवें ग्राम उत्सव कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे.

भय्याजी जोशी ने कहा कि गौ माता के हृदय में हमारी रक्षा का भाव है, इसलिए हम उसे माता कहते हैं. जब हम उसका संरक्षण करेंगे तो वह हमारी रक्षा करेगी. विकास के लिए स्थानीय लोगों को प्रयास करने चाहिए. सरकार स्वयं आपके साथ आएगी. देश के लिए बड़े उद्योग का विशेष महत्व है. लेकिन इसके कारण छोटे उद्योगों की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए, बड़े उद्योगों से केवल 10% रोजगार सृजन होता है. जबकि 50% रोजगार सृजन स्वावलंबन के आधार पर लोग स्वयं करते हैं. भाली गांव ने ऐसे रोजगार सृजन का उदाहरण प्रस्तुत किया है, यह प्रशंसनीय है. गांव से पलायन रोकने पर भी कार्य किया जाना चाहिए. कृषि के साथ-साथ छोटे उद्योग भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.

कृषि हमारे जीवन का आधार है. इसलिए भारत की कृषि नीति दिन प्रतिदिन उत्तम होते जा रही है. लेकिन भूमि की उपजाऊ क्षमता कम होती जा रही है, यह चिंता का विषय है. जैसे पहले पंजाब में से गेहूं निर्यात होता था और अब उसे गेहूं आयात करना पड़ता है. कीटनाशकों से होने वाले नुकसान से धरती को बचाने के लिए भारत में गौ माता के जैविक खाद की अत्यंत आवश्यकता है. इसलिए गाय हमारे लिए जीवनदायिनी है. इसमें भारत से किसानों को नेतृत्व करने की आवश्यकता है. भारत की जीवन शैली सर्वे भवंतु सुखिनः की है, जिसमें पूरे विश्व के मंगल की कामना है. जबकि बाकी देश भोगवाद या स्वार्थ के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भारत को अमेरिका या जापान बनाने की आवश्यकता नहीं, भारत को भारत बनाए रखने की आवश्यकता है. भारत से ही पूरे विश्व के कल्याण का मार्ग निकलता है. वर्तमान में भारत का गौरव पूरे विश्व में बढ़ रहा है जैसे योग दिवस, संस्कृत का महत्व. भारत अनेक क्षेत्रों में पूरे विश्व का नेतृत्व कर रहा है. अपने बल से अपने परिसर का विकास करने वाली संस्थाओं के बल पर भारत का महत्व और बढ़ेगा तथा भारत सही रास्ते पर आगे बढ़कर पुन: विश्व गुरु बनेगा. गांव वालों का कार्य अद्वितीय है, विशेष है. इससे प्रेरणा लेकर अन्य गांवों को भी अपने-अपने गांव में इस प्रकार के कार्य करने चाहिए. यहां के लोगों की प्रामाणिकता और संकल्प पात्रता को मैं नमन करता हूं.

भय्याजी जोशी ने कहा कि विश्व को जहर मुक्त खेती देनी है, स्वच्छ जल देना है तो ग्रामीण विकास का जो यह मॉडल प्रस्तुत किया गया है, उस जैसा कार्य अनेक गांवों में खड़ा करना पड़ेगा. 9 वर्ष पूर्व मुझे भाली स्थित केशव-भवन की नींव की ईंट रखने का अवसर मिला था. तब यह कार्य शैशव अवस्था में था, आज इस कार्य में बहुत बदलाव आया है. यह बदलाव गांव के स्थानीय निवासियों के सेवा कार्य के मॉडल से सम्भव हो पाया है. भारत ही नहीं विश्व को भी इससे सीखना होगा. माता-बहनों की बड़ी संख्या में उपस्थिति इस अनूठे कार्य की प्रामाणिकता सिद्ध करती है. इस सुअवसर पर महंत ईश्वर दास जी महाराज, मेहरदास डेरा कलानौर भी उपस्थित रहे. विशिष्ट अतिथि के रूप में उद्योगपति अरविंद जी, सुमित भ्याण जी उपस्थित रहे.