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सांसारिक मोह त्यागकर तीन बहनों ने धारण किया वैराग्य

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बड़ौत। बुधवार को बड़ौत के दिगंबर जैन कॉलेज के ए फील्ड में तीन दीक्षार्थी बहनों, समृद्धि, वंशिका, और वागीशा ने सांसारिक मोह त्यागकर जैन धर्म की दीक्षा ग्रहण  की। इस अवसर पर भव्य दीक्षा महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें जैन संतों के सानिध्य और जैन परंपराओं का विधिपूर्वक निर्वाह किया गया।

इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया अपनी पत्नी के साथ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। राज्यपाल ने दीक्षार्थी बहनों और जैन संतों से आशीर्वाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में राज्यपाल को जैन ग्रंथ और पुस्तकें भी भेंट की गईं।

दीक्षा ग्रहण का आयोजन -

जैन संत उपाध्याय विशाल मुनि, प्रवर्तक आशीष मुनि, और अन्य संतों के मार्गदर्शन में दीक्षा प्रक्रिया पूरी हुई। दीक्षार्थी बहनों को साध्वी दीक्षा धारण कराते हुए परंपरागत पिच्छी (जैन धर्म में साधुओं का प्रतीक) और वस्त्र प्रदान किए गए। इस भावुक क्षण में उपस्थित श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं और पूरा पंडाल "भगवान महावीर की जय" और "जैन संतों की जय" के नारों से गूंज उठा।

परिजनों का सम्मान -

दीक्षा ग्रहण के बाद तीनों बहनों के परिजनों को भी मंच पर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में राज्यपाल, सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान, रालोद नेता अश्वनी तोमर, और डॉ. अमित राय जैन सहित कई विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया।

नेपाल हिंद गौरव पुस्तक का विमोचन -

कार्यक्रम के दौरान "नेपाल हिंद गौरव" पुस्तक का विमोचन जैन संतों और राज्यपाल के हाथों संपन्न हुआ। यह पुस्तक जैन धर्म और भारतीय संस्कृति पर आधारित है।

राज्यपाल ने जताई भावुकता -

राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने पूरे कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और दीक्षा ग्रहण की प्रक्रिया को देखकर भावुक हो गए। उन्होंने दीक्षार्थी बहनों को वैराग्य के पथ पर आगे बढ़ने के लिए शुभकामनाएं दीं और जैन संतों का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में शामिल श्रद्धालुओं और अतिथियों ने दीक्षार्थी बहनों के इस पवित्र निर्णय की सराहना की।