इंदौर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार जी ने कहा कि संघ की 100 वर्षों की यात्रा एक अविस्मरणीय यात्रा है, जो सरल नहीं थी। इस यात्रा में संघ ने देश, धर्म, संस्कृति और समाज के किसी भी काम से मुंह नहीं मोड़ा। समाज को केंद्र में रखकर संघ ने काम किया और समाज का विश्वास जीतने में सफल रहा। वास्तव में संघ की 100 वर्षों की यात्रा समाज के समर्थन एवं स्वयंसेवकों की साधना के बिना संभव नहीं थी। संघ का कार्य वास्तव में समाज का कार्य है। आने वाले समय में अनेक चुनौतियां हैं, जिनका समाज को संगठित होकर प्रतिकार करना होगा। समाज को पंच परिवर्तन के माध्यम से सबल बनाया जा सकता है, जिसके लिए भारत के प्रत्येक नागरिक को संकल्पित होना पड़ेगा। राष्ट्र विरोधी शक्तियों के षड्यंत्रों को निष्फल करने के लिए एवं भारत को विश्व का ध्वजवाहक बनने के लिए समाज को संगठित होना होगा।
अरुण कुमार जी कनाडिया रोड पर शताब्दी वर्ष के निमित्त आयोजित विजयादशमी पथ संचलन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दुनिया में अनेक संस्कृतियों की विकास यात्रा रही, लेकिन भारतीय संस्कृति की यात्रा अद्भुत रही है। भारतीय संस्कृति ने कई चुनौतियां देखीं, लेकिन इसके बाद भी सत्य, धर्म और न्याय की विजय का विश्वास उसे बार-बार चुनौतियों पर विजय दिलाता आया है। भारतीय समाज के सामने अनेक चुनौतियां आईं, परन्तु प्रत्येक अवसर पर वह चुनौतियों का सामना करते हुए न केवल दृढ़ता से खड़ा रहा। बल्कि विश्व के विकास में भी योगदान दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी अपनी 100 वर्षों की यात्रा में समाज को केंद्र में रखकर ही काम किया। संघ का उद्देश्य बड़ा या प्रभावी होना नहीं था, बल्कि संघ हमेशा चाहता था कि संघ और समाज एक हो जाए। संगठित समाज एवं स्वयंसेवकों की मेहनत से हम इसमें सफल भी रहे। आने वाले समय में संघ का उद्देश्य है कि वह समाज के हर व्यक्ति तक पहुंचे।
अरुण कुमार जी ने कहा कि संघ ने समाज का हर कार्य ईश्वरीय कार्य मानकर किया है। आने वाले समय में भारत के सामने अनेक चुनौतियां हैं। राष्ट्र विरोधी तत्वों के साथी कट्टरपंथी एवं ग्लोबल मार्केट की ताकतें भारत को खण्डित करने का प्रयास करेंगी, जिनके षड्यंत्र को हमें संगठित होकर विफल करना है। समाज में पंच परिवर्तन के माध्यम से ही बदलाव लाया जा सकता है। पंच परिवर्तन द्वारा समाज में समरसता के वातावरण की निर्मिति, पर्यावरण की रक्षा, अपनी सुदृढ कुटुंब व्यवस्था, स्वदेशी जीवन शैली तथा नागरिक अनुशासन जागृत करने जैसे कदम हमें उठाने होंगे। पंच परिवर्तन के आधार पर ही समाज का निर्माण करना होगा।
मुख्य अतिथि निर्गुण भजन गायक पद्मश्री भेरू सिंह चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संप्रदाय, जाति और भेदभाव मिटाने का काम कर रहा है, जो महत्वपूर्ण है। कबीर दास जी ने 628 साल पहले जो संदेश समाज को दिया था, वही संदेश आज संघ दे रहा है। समाज को संघ के साथ आकर देश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना चाहिए। कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों ने परंपरानुसार शस्त्र पूजन किया। इस अवसर पर पथ संचलन भी निकाल गया, जिसमें बड़ी संख्या में अनुशासित स्वयंसेवक शामिल हुए। संघ शताब्दी वर्ष के निमित्त विजयादशमी पर्व के उपलक्ष्य में रविवार को इन्दौर महनगर के अंतर्गत आने वाले महानगर के 4 जिलों में पथ संचालन निकले। राष्ट्र प्रथम के भाव के साथ समाज का प्रत्येक वर्ग पथ संचलन में उल्लास के साथ सम्मिलित हुआ। पथ संचलन में सम्मिलित स्वयंसेवकों ने महानगर के विभिन्न मार्गों से होते 165 किमी की दूरी तय की। राष्ट्र जागरण के भाव के साथ अनुशासित कदमताल करते स्वयंसेवकों का विभिन्न स्थानों पर समाज जन एवं मातृशक्ति द्वारा पुष्प वर्षा कर आत्मीय एवं भव्य स्वागत किया गया। विभिन्न स्थानों से निकले पथ संचलन में समाज के वरिष्ठजन भी बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।