नीरजा भनोत जी की
7 सितम्बर 1963 - 5 सितम्बर 1986
चंडीगढ़ की बेटी नीरजा भनोत एक विमान सेवा कम्पनी में परिचारिका थीं। 5 सितम्बर1986 कोवे जिस विमान में अपनी ड्यूटी पर थी उस दिन चार आतंकवादियों ने उसविमान का अपहरण कर लिया था। नीरजा भनोत ने ऐसे संकटकाल में धैर्य रखते हुए अपने कर्तव्य का पालन किया और अनेक यात्रियों को सुरक्षित निकाला। किन्तु वे स्वयं एक आतंकी की गोली से बलिदान हो गयीं। कर्तव्य निर्वहन का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उन्होंने वीरगति प्राप्त की। उन्हेंअशोक चक्र से सम्मानित किया गया।