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आज से महाकुंभ में बहेगी संगीत और संस्कृति की त्रिवेणी

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 के अंतर्गत 16 जनवरी से शुरू हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भव्य श्रृंखला में संगीत और कला की त्रिवेणी बहेगी। इस आयोजन में देश के पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण से सम्मानित कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।

शंकर महादेवन और कुमार विश्वास देंगे प्रस्तुतियां -

पहले दिन परेड ग्राउंड सेक्टर-1 स्थित गंगा पंडाल में 10 हजार दर्शकों की क्षमता के बीच प्रसिद्ध गायक शंकर महादेवन अपनी प्रस्तुति देंगे। इसी दिन यमुना पंडाल में काशी के संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थी मंगलाचरण प्रस्तुत करेंगे।

सरस्वती पंडाल में पद्मश्री रामदयाल शर्मा अपनी 30 सदस्यीय टीम के साथ कृष्ण-सुदामा की मित्रता पर आधारित नौटंकी का रंगारंग प्रस्तुतीकरण करेंगे। इसके अलावा, प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास और गायक ऋत्विक सान्याल जैसे कलाकारों की प्रस्तुतियां भी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगी।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला -

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 21 जनवरी से त्रिवेणी पंडाल में लगातार सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, महाकुंभ में विभिन्न पंडालों में करीब 5,000 कलाकार लोकसंगीत, शास्त्रीय नृत्य, काव्य पाठ और अन्य विधाओं की प्रस्तुति देंगे।

गंगा पंडाल: सुरों का संगम।

सरस्वती पंडाल: पारंपरिक नौटंकी और नाट्य प्रस्तुतियां।

यमुना पंडाल: संस्कृत विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा मंगलाचरण।

महाकुंभ का महत्व -

महाकुंभ केवल आस्था और अध्यात्म का केंद्र नहीं है, बल्कि यह भारत की संस्कृति, कला और लोक परंपराओं का विश्व स्तर पर प्रदर्शन भी है। इसमें दुनिया के हर कोने से श्रद्धालु शामिल होंगे।

दर्शकों के लिए विशेष इंतजाम -

पंडालों में अलग-अलग विधाओं के कार्यक्रमों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। त्रिवेणी पंडाल में 10 हजार और अन्य पंडालों में 2,000 से अधिक दर्शकों की क्षमता होगी।

महाकुंभ के इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने न केवल धार्मिक आस्था को प्रोत्साहन दिया है, बल्कि भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत को भी एक मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया है।