राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश का ही नहीं अपितु विश्व का सबसे बड़ा सामजिक संगठन है। संघ के द्वारा प्रेरित अनेक संगठन विभिन्न क्षेत्रों में सेवा और समर्पण भाव से कार्य कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में राजनैतिक विद्वेष के चलते सरकारी कर्मचारियों को संघ की गतिविधियों में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया था।लेकिन उत्तराखंड सरकार ने आदेश जारी किया है कि उत्तराखंड में अब राजकीय कार्मिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखा व अन्य सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में सम्मिलित हो सकेंगे। प्रदेश सरकार ने आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है।
कार्मिक एवं सतर्कता अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने इस संबंध में सभी प्रमुख सचिवों, सचिवों, गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के आयुक्तों, समस्त विभागाध्यक्षों, कार्यालयाध्यक्ष एवं जिलाधिकारियों को आदेश जारी किया कि आरएसएस की प्रातःकालीन या सायंकालीन सभा, अन्य सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में राजकीय कार्मिकों की भागीदारी को उत्तराखंड राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली, 2002 का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।
आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि आरएसएस की शाखा व अन्य सांस्कृतिक-सामाजिक गतिविधियों में तब ही प्रतिभाग किया जा सकेगा, जब इस कार्य से सरकारी दायित्वों के निर्वहन में कोई अड़चन न पड़े। ऐसी भागीदारी सरकारी कार्यालय अवधि के पूर्व व पश्चात ही किया जा सकेगा। प्रदेश में धामी सरकार ने केंद्र के इस संबंध में लिए गए निर्णय के बाद यह कदम उठाया है।
अभी कुछ ही दिन पूर्व केंद्र सरकार ने आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर 58 वर्ष पूर्व लगाया गया प्रतिबन्ध हटा दिया था।
आशा व्यक्त की जा रही है सरकार के इस निर्णय से वे सभी सरकारी कर्मचारी RSS की गतिविधियों में बिना किसी संकोच के भाग ले सकेंगे जो पूर्व के प्रतिबन्ध के चलते चाहते हुए भी प्रत्यक्ष रूप से RSS की गतिविधियों में भाग नहीं ले पा रहे थे।