- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में कूड़े से बनाए जाएगी बिजली व खाद
- ग्रीन इकोनॉमी और वेस्ट टू एनर्जी पर काम हो रहा आरंभ
- मसूरी नगरपालिका ने मई से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से अब उत्पादन भी किया आरंभ
रुद्रपुर/मसूरी। शहरों में आए दिन कूड़ा प्रबंधन एक चुनौतीपूर्ण कार्य बन गया है। ऐसे में उत्तराखंड
के दो निकायों ने कूड़े से बिजली व खाद उत्पादन शुरू कर, वेस्ट मैनेजमेंट की नई राह निकाली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभागों
को इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन रखते हुए, विकास की योजना बनाना का निर्देश दिया है। इसी तरह
शहरी विकास विभाग के तहत रूद्रपुर नगर निगम मसूरी नगर पालिका ने वेस्ट टू एनर्जी
पॉलिसी के अधीन कूड़े के ढेर से बिजली उत्पादन शुरू कर दिया है। इस पर मुख्यमंत्री
का कहना है कि सरकार पहले दिन से ही इकोनॉमी और इकोलॉजी में संतुलन बनाने पर जोर दे
रही है।
ग्रीन इकोनॉमी और वेस्ट टू एनर्जी पर काम हो रहा आरंभ-
अब ग्रीन इकोनॉमी पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में समुदायों में कूड़े से बिजली उत्पन्न की जा रही है। इसके लिए वेस्ट टू एनर्जी पॉलिसी भी तैयार की गई है। 40 वार्ड वाले रूद्रपुर नगर निगम से हर रोज 105 से 118 मीट्रिक टन कूड़ा उत्पन्न होता है। पहले बड़ी मात्रा में कूड़ा डम्पिंग साइट पर बिना निस्तारण के लम्बे समय तक पड़ा रहता था। जिसके लिए नगर निगम ने नवंबर 2022 में PPP मॉडल के द्वारा वेस्ट टू एनर्जी प्लांट पर काम आरंभ कर दिया है। जो अब बिजली के साथ-साथ जैविक खाद भी उत्पादित करने लगा है।
इसकी क्षमता प्रतिदिन 50 टन कूड़ा निस्तारण की है और वर्तमान में यह प्लांट 30 टन कूड़ा प्रतिदिन निस्तारित कर रहा है। जिससे अब रोज 6 किलो वॉट बिजली के साथ-साथ कल्याणी नामक खाद भी बनाई जा रही है।
मसूरी नगर पालिका ने मई से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से अब उत्पादन भी किया आरंभ-
मसूरी नगर पालिका ने भी इसी साल मई माह से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से उत्पादन कार्य आरंभ कर दिया है। PPP मॉडल के इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 8 टन कूड़ा निस्तारण की है। इस कूड़े से नगर पालिका बायोगैस उत्पन्न करती है साथ ही साथ अब जैविक खाद का भी उत्पादन किया जा रहा है। इसके तहत मसूरी जैसे पर्यटक स्थल पर कूड़े की समस्या का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण संभव हो सका है।