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Dhanteras 2023 : धनतेरस पर होगी धन की वर्षा, ऐसे करें माँ लक्ष्मी और भगवान कुबेर की विधिवत् पूजा

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सनातन धर्म में धनतेरस का विशेष महत्व है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। इस दिन धनतेरस का पर्व बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी, कुबेर और गणेश जी की पूजा आराधना का विधान है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में धन-वैभव और सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है।

आज हम आपको बताएंगे कि क्यों मनाया जाता है धनतेरस? वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारम्भ 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है। कहते हैं कि समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान धन्वंतरि हाथों में  अमृत कलश लिए समुद्र में से प्रकट हुए थे। मान्यता के अनुसार भगवान धन्वंतरि को ही भगवान विष्णु का अंश माना जाता है। शायद यही कारण है कि धनतेरस के दिन विधि-विधान पूर्वक भगवान धन्वंतरि की पूजा आराधना की जाती है। इतना ही नहीं धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि के साथ-साथ माता लक्ष्मी और कुबेर भगवान की भी पूजा आराधना करने का विधान है।

कहा जाता है इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करने से घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती है। साथ ही परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। भगवान धन्वंतरि जन्म के दौरान एक अमृत कलश लिए हुए थे इसलिए इस दिन कलश वाला बर्तन खरीदना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिवस को आयुर्वेद दिवस के रुप में भी मनाया जाता है। क्योंकि भगवान धन्वंतरी सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य के देवता हैं।