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महिला सशक्तिकरण: अब ग्रामीण महिलाएं चलाएंगी रोडवेज की व्यवस्था

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बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश 

यूपी के बुलंदशहर जनपद की ग्रामीण महिलाएं अब आत्मनिर्भरता की नई उड़ान भरने को तैयार हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और परिवहन निगम के साझा प्रयास से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को संविदा पर रोडवेज बसों में परिचालक नियुक्त किया जा रहा है। जिले की तीन महिलाओं का इस पद पर चयन किया गया है, जिन्हें प्रशिक्षण और आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद नियुक्ति दी जाएगी। इन्हें 1.89 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से पारिश्रमिक मिलेगा। गुलावठी, सिकंदराबाद और बुलंदशहर ब्लॉक की ये महिलाएं अब बसों में टिकट काटेंगी और हजारों यात्रियों के बीच आत्मविश्वास के साथ अपनी भूमिका निभाएंगी। इससे पूर्व ये महिलाएं हर्बल गुलाल, जैविक खाद्य सामग्री, सैनिटरी पैड, मिट्टी के बर्तन, चटाई-दरी, गोबर के दीये जैसे उत्पाद बनाकर “लखपति दीदी” के रूप में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। अब इनकी यह भूमिका सार्वजनिक सेवा क्षेत्र में भी विस्तृत हो रही है। ड्रोन से खेतों में छिड़काव कर चुकी ये महिलाएं अब बसों में संचालन करके सशक्तिकरण की मिसाल कायम करेंगी। यह पहल न मात्र महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है, अपितु ग्रामीण अंचल की स्त्रियों को सम्मान, रोजगार और पहचान दिलाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। सच ही है—जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं, तो समाज आगे बढ़ता है।