नोएडा, उत्तर प्रदेश
एक समय में जो महिलाएं घर का खर्च किसी तरह से चलाती थीं, अब वही महिलाएं सरकारी योजना और प्रशिक्षण की मदद से अच्छी कमाई कर रही हैं। जिससे ना केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि परिवार का जीवन भी सुधर गया है। बता दें नोएडा में रहने वाली पूनम पहले घर का काम संभालते हुए कपड़े सिलकर थोड़ी-बहुत कमाई कर लेती थीं। लेकिन अब वह हर महीने 20 से 30 हजार रुपये कमा रही हैं और उनकी तरह ग्रामीण क्षेत्रों की कई महिलाएं अब नौकरी के बजाय अपने हुनर को निखारकर खुद का काम शुरू कर रही हैं और यह सब संभव हो पाया है जिला उद्योग केंद्र के वजह से, जी हां जिला उद्योग केंद्र महिलाओं को प्रशिक्षण और सहयोग देकर उनके जीवन में बदलाव ला रहा है। उनका कहना है कि किसी के घर काम करने से बेहतर है कि अपने कौशल का उपयोग किया जाए, जिससे वे स्वयं के साथ परिवार को भी मजबूत बना सकें। जिले में अभी 1716 स्वयं सहायता समूह काम कर रहे हैं, जिनसे लगभग 18 हजार महिलाओं को रोजगार मिला है। इनमें से 1900 महिलाएं अब ''लखपति दीदी'' बन चुकी हैं। पहले यह संख्या 1600 थी, लेकिन कुछ महीनों में 400 और महिलाएं इस सूची में शामिल हो गई हैं। इनमें 1543 महिलाएं ग्रामीण और 173 महिलाएं शहरी क्षेत्र की हैं। यह महिलाएं घर पर ही अचार-पापड़, एलईडी लाइट, ज्वेलरी, वाशिंग पाउडर, कुशन कवर, चादर, कैंटीन जैसे छोटे उद्योग चला रही हैं। पहले जहां महिलाएं छोटे-मोटे काम कर गुजारा करती थीं, वहीं अब इस योजना ने उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाया है। इससे उनके साथ-साथ परिवार का भी जीवन स्तर सुधर रहा है और गांव की अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा मिल रही है।



