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मिल्कीपुर में योगी की लहर, भाजपा का राष्ट्रवाद सपा के परिवारवाद पर पड़ा भारी

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मिल्कीपुर में योगी की लहर, भाजपा का राष्ट्रवाद सपा के परिवारवाद पर पड़ा भारी 

  • - मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के चंद्रभानु पासवान ने सपा प्रत्याशी को 61,710 वोटों से हराकर बड़ी जीत दर्ज की।
  • - योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रवाद और विकास को प्रमुख मुद्दा बनाया, जिसका असर साफ तौर पर चुनाव परिणामों में दिखा  

अयोध्या (मिल्कीपुर): मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर समाजवादी पार्टी (सपा) के परिवारवाद को करारी शिकस्त दी। मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के चंद्रभानु पासवान ने सपा प्रत्याशी को 61,710 वोटों से हराकर बड़ी जीत दर्ज की। योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रवाद और विकास को प्रमुख मुद्दा बनाया, जिसका असर साफ तौर पर चुनाव परिणामों में दिखा।  

योगी की अपील का असर, सपा का गणित फेल- 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नेमहाकुंभ, उत्तर प्रदेश दिवस और प्रशासनिक व्यस्तताओं के बावजूद *मिल्कीपुर में दो बड़ी रैलियां कीं, जबकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव सिर्फ एक बार अपने प्रत्याशी के समर्थन में पहुंचे। योगी की अपील का असर इतना जबरदस्त रहा कि भाजपा को 60.17% वोट मिले, जबकि सपा केवल 34.81% वोट ही हासिल कर पाई।  

चंद्रभानु पासवान की ऐतिहासिक जीत-  

- भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान को 1,46,397 वोट मिले, जिनमें से 1,46,291 ईवीएम और 106 पोस्टल बैलेट से आए।  

- सपा के प्रत्याशी, जो पार्टी सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे हैं, को 84,655 वोट मिले, जिनमें से सिर्फ 32 पोस्टल बैलेट में थे।  

- सपा के प्रत्याशी को कुल 64,687 वोट ही मिले, जो भाजपा के मुकाबले आधे से भी कम थे।  

अयोध्या के विकास मॉडल ने किया कमाल-  

योगी आदित्यनाथ ने चुनाव प्रचार के दौरान राम मंदिर, अयोध्या का चतुर्दिक विकास, कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर कार्रवाई को प्रमुख मुद्दा बनाया। उनकी "राष्ट्रवाद बनाम परिवारवाद" की अपील मतदाताओं के बीच गहरी पैठ बना गई। इसके उलट, अखिलेश यादव ने अयोध्या आकर भी रामलला के दर्शन नहीं किए, जिससे जनता में उनकी छवि को लेकर नकारात्मक प्रतिक्रिया रही।  

योगी के सामने फीकी पड़ी अखिलेश-अवधेश की जोड़ी- 

पिछले विधानसभा चुनावों में 2012 से 2022 तक मिल्कीपुर और 2024 में अयोध्या से सांसद बने अवधेश प्रसाद इस बार अपने बेटे को जीत नहीं दिला सके। योगी के नेतृत्व में भाजपा के विकास कार्यों और सुशासन की छवि ने सपा के जातिगत और पारिवारिक समीकरणों को ध्वस्त कर दिया।  

भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर किया प्रचार-  


योगी आदित्यनाथ की संवाद शैली, कड़े प्रशासनिक रुख और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई ने भाजपा के पक्ष में जबरदस्त माहौल बनाया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी पूरे दमखम से प्रचार किया, जिससे चंद्रभानु पासवान की जीत सुनिश्चित हो सकी।  

मुख्यमंत्री योगी की दो रैलियों ने बनाया माहौल-  

- 24 जनवरी: उत्तर प्रदेश दिवस और महाकुंभ की व्यस्तता के बावजूद योगी आदित्यनाथ ने पहली रैली की।  

- 2 फरवरी: चुनाव प्रचार खत्म होने से एक दिन पहले उन्होंने दूसरी रैली की, जिसमें जबरदस्त भीड़ उमड़ी।  

मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की शानदार जीत ने यह साबित कर दिया कि योगी आदित्यनाथ का सुशासन और राष्ट्रवादी एजेंडा सपा के जातिगत और पारिवारिक राजनीति से कहीं अधिक प्रभावशाली है। अयोध्या के विकास कार्य और राम मंदिर निर्माण की प्रतिबद्धता ने भाजपा को मतदाताओं के बीच मजबूत आधार दिया, जिससे कमल एक बार फिर खिल उठा।