विश्व
प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर्व यानी 22 अप्रैल को खोल दिए गए हैं। इसके
साथ ही यमुनोत्री धाम के कपाट भी 22 अप्रैल को ही खुल रहे हैं। इसी कड़ी में जब शुक्रवार को मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना
हुई । मां गंगा को विदा करते वक्त ग्रामीणों की आंखें छलक गईं। भले ही दुनियाभर के
श्रद्धालु गंगा को मां के रूप में पूजते हों, लेकिन मुखबा वासियों ने मां गंगा को बेटी की
तरह विदा किया। मुखवा में
मां गंगा की विदाई का पल ग्रामीण महिलाओं के लिए बेहद भावुक रहा.पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ सैकड़ों की संख्या
में भक्तों की मौजूदगी में मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। मुखबा
में सैकड़ों की संख्या में देश विदेश के श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए।
वहीं, मार्कंडेय मंदिर पहुंचने के बाद यहां
से अन्नपूर्णा देवी की डोली भी यात्रा में शामिल हुई। कुछ घंटे डोली को मार्कंडेय
स्थित देवी मंदिर में दूर दराज के गांवों से आने वाले श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ
रखी गई। शाम चार बजे जांगला, कोपांग, लंका होते हुए डोली देर
शाम 6 किमी की पैदल दूरी तय कर डोली रात्रि विश्राम के लिए भैरव घाटी स्थित भैरव
मंदिर पहुंची। शनिवार की सुबह डोली
यात्रा यहां से गंगोत्री के लिए हुई।