कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा
में बोलते हुए हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरों में दिखने वाली अभय-मुद्रा को अपनी
पार्टी के चुनाव चिन्ह से जोड़ दिया।राहुल गांधी द्वारा हिन्दू धर्म को
मानने वालों को हिंसक कहने और भगवान शिव की अभय मुद्रा का जिक्र करते हुए हिन्दुओं
का अपमान करने के मामले में सरकार के साथ ही अब विभिन्न धर्माचार्यों ने
इसका विरोध किया है। इसी क्रम में स्वामी अवधेशानंद ने राहुल गांधी के
बयान पर कहा कि हिन्दू सभी में भगवान को देखते हैं, क्योंकि हिन्दू
अहिंसक और उदार हैं। हिन्दू वसुधैव कुटुम्बकम यानि कि पूरा विश्व उनका परिवार है।
हिन्दुओं को हिंसक और नफरती कहना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा कहकर आप पूरे
समाज को बदनाम और अपमानित कर रहे हैं। स्वामी अवधेशानंद ने स्पष्ट किया कि ऐसा है,
जो कि सभी को समाज में शामिल करता है और सभी का सम्मान करता है।
स्वामी अवधेशानंद ने राहुल गांधी से माफी मांगते हुए कहा कि उनके इस बयान से पूरा
संत समाज आहत और गुस्सा है। राहुल गांधी बार-बार कहते हैं कि हिन्दू हिंसक हैं और
नफरत फैलाते हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता से अपने शब्दों को वापसे लेने की मांग
की।
संसद में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के
भाषण पर ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने
कहा कि आज संसद में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा है कि इस्लाम में 'अभयमुद्रा'
भी है। उन्होंने आगे कहा कि इस्लाम में न तो मूर्ति पूजा का उल्लेख है
और न ही किसी प्रकार की मुद्रा का। मैं इसका खंडन करता हूं, इस्लाम
में 'अभयमुद्रा' का कोई जिक्र नहीं है और मेरा मानना है कि
राहुल गांधी को अपना बयान सुधारना चाहिए।
वहीं इस मामले में पटना साहिब गुरुद्वारे के अध्यक्ष जगजोत सिंह राहुल
गांधी के बयान को दुखद करार देते हुए कहा कि सदन में राहुल गांधी ने गलत जानकारी
दी। जब तक उन्हें सिख पंथ, हिन्दू धर्म हो या कोई और मत हो उसके बारे में
पूरी जानकारी न हो तब तक नहीं बोलना चाहिए।