हिन्दू रक्षा समिति वाराणसी ने बांग्लादेश में हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा व अत्याचार के विरुद्ध आक्रोश रैली का आयोजन किया. आक्रोश रैली में संयुक्त राष्ट्र संघ से बांग्लादेश के हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया.
रैली के प्रारम्भ में आयोजित जनसभा में अखिल भारतीय सन्त समिति एवं गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती जी ने कहा कि बांग्लादेश में शेख हसीना की लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलटने के बाद बांग्लादेश के कट्टरपंथी अराजक तत्वों ने हिन्दू, सिक्ख एवं अन्य अल्पसंख्यक धार्मिक स्थानों, दुकानों, घरों को नष्ट किया है. हिन्दू महिलाओं का अपहरण किया जा रहा है. हिन्दू बालिकाओं पर अत्याचार जारी है. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर जो अत्याचार हो रहा है, उसे रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ एवं विश्व मानवाधिकार आयोग और अल्पसंख्यक आयोग को तत्काल कार्रवाई करनि चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारत के पड़ोस में हिन्दुओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर भारत चुप नहीं रह सकता क्योंकि भारत की प्रतिबद्धता है कि दुनिया में शान्ति कायम रहे. पाकिस्तान और कुछ विदेशी ताकतें बांग्लादेश के माध्यम से भारत में भी अशान्ति फैलाने के लिए आतंकवादियों की घुसपैठ करा सकती है. हमें इसके प्रति भी सतर्क रहना होगा.
विश्व हिन्दू परिषद ने मांग की कि भारत सरकार बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. जम्बूद्वीप बौद्ध मठ के प्रभारी सुमेधा थेरो ने कहा कि बांग्लादेश राजनीतिक षड्यंत्र और अराजकता के दौर से गुजर रहा है और वहां के हिन्दू, सिक्ख, बौद्ध, जैन सम्प्रदाय के नागरिकों पर अत्याचार किया जा रहा है. हम इसकी निंदा करते हैं. गुरुद्वारा गुरुबाग के मुख्य ग्रन्थी सरदार रंजीत सिंह ने कहा कि बांग्लादेश में पाकिस्तान की गुप्तचर एजेन्सी आईएसआई के इशारे पर वहां के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और अन्य अधिकारियों से जबरन त्यागपत्र लिया जा रहा है. हिन्दू, जैन, बौद्ध, सिक्ख आदि अल्पसंख्यकों से उनकी सरकारी नौकरियों से जबरन त्यागपत्र लिया जा रहा है. यह अत्याचार रूकना चाहिए. सन्त रविदास मन्दिर के महन्त भारत भूषण जी ने कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए हम भारत सरकार से यह अपेक्षा करते हैं कि कूटनीतिक, राजनीतिक और संयुक्त राष्ट्र संघ पर दबाव बढ़ाए. यदि आवश्यक हो तो बांग्लादेश में शान्ति स्थापना के लिए सैन्य हस्तक्षेप भी करे. भारत का पूरा हिन्दू सनातन समाज भारत सरकार के साथ खड़ा है.
वाराणसी व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के अध्यक्ष ने भी संबोधित किया. वाराणसी व्यापार मण्डल के महामंत्री, वाराणसी उद्योग व्यापार मण्डल के अध्यक्ष, काशी व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के महामंत्री, उत्तर प्रदेश स्वर्णकार संघ, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल, इस्कॉन मन्दिर के प्रतिनिधियों ने भी जनसभा को संबोधित किया तथा बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने की मांग की.
जनसभा के अन्त में प्रस्ताव पारित किया गया कि आज धर्म एवं विद्या की राजधानी काशी में हिन्दू सिक्ख, बौद्ध, जैन सभी सनातनियों के संयुक्त प्रयास, वाराणसी के सभी व्यापारिक संगठन, समाज की सुरक्षा में सतर्क रहने वाले धार्मिक संगठन, महामहिम राष्ट्रपति एवं भारत सरकार से निवेदन करते हैं कि बांग्लादेश के साथ-साथ विश्व के उन सभी देशों में जहां हिन्दू, सिक्ख, बौद्ध एवं जैन अल्पसंख्यक हैं, उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए. इसके लिए हिन्दू रक्षा समिति काशी और काशी के सामाजिक, व्यापारिक संगठन भारत सरकार के ऋणी होंगे.
इस आशय का ज्ञापन सौ से अधिक धार्मिक, सामाजिक एवं व्यावसायिक संगठनों के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर से राष्ट्रपति को भेजा गया.
सभा के उपरान्त हिन्दू रक्षा समिति के नेतृत्व में विशाल हिन्दू आक्रोश रैली वाराणसी नगर निगम मुख्यालय से भारत सेवाश्रम संघ तिराहा, काशी विद्यापीठ, फूलमण्डी, मलदहिया चौराहा, सिगरा थाना, तिलक मूर्ति से चन्द्रिका नगर होते हुए नगर निगम मुख्यालय पर समाप्त हुई.