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अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा आज से शुरू, 20 लाख से अधिक श्रद्धालु होंगे साक्षी

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अयोध्या। 

- हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि से यह परिक्रमा होगी प्रारंभ

- भक्त भगवान राम की नगरी के चारों ओर करीब 45 किलोमीटर की करते हैं परिक्रमा

- सुरक्षा के मद्देनजर एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) की टीम विशेष तौर पर तैनात

अयोध्या में आयोजित होने वाली 14 कोसी परिक्रमा आज से शुरू हो रही है, जिसमें देश-विदेश से लगभग 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि से यह परिक्रमा प्रारंभ होती है, जो 24 घंटे तक चलती है। अयोध्या की 14 कोसी परिक्रमा का धार्मिक महत्व है, जिसमें भक्त भगवान राम की नगरी के चारों ओर करीब 45 किलोमीटर की परिक्रमा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे भक्तों को पुण्य की प्राप्ति होती है और उनके पापों का नाश होता है।


सुरक्षा के कड़े इंतजाम-

इस बड़े आयोजन को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) की टीम विशेष तौर पर तैनात की गई है, जो किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखेगी। इसके अलावा, ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी कैमरों के जरिए भी पूरे मार्ग पर निगरानी रखी जाएगी। सुरक्षा में स्थानीय पुलिस के अलावा पैरामिलिट्री बलों को भी तैनात किया गया है।

यातायात और व्यवस्थाएं-

भीड़ को नियंत्रित करने और यातायात प्रबंधन के लिए प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है। मुख्य मार्गों पर वाहनों की आवाजाही नियंत्रित की जाएगी ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके अलावा, अलग-अलग स्थानों पर मेडिकल कैम्प लगाए गए हैं और एम्बुलेंस सेवा भी उपलब्ध कराई गई है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता उपलब्ध हो सके।

प्रशासन और समाजिक संगठन सक्रिय-

प्रशासन के साथ-साथ कई सामाजिक और धार्मिक संगठन भी इस आयोजन में अपना सहयोग दे रहे हैं। श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त भोजन, पानी, और अन्य आवश्यकताओं का प्रबंध किया गया है। साथ ही, मार्ग पर आराम स्थल बनाए गए हैं, जहां श्रद्धालु विश्राम कर सकें।

धार्मिक महत्त्व-

14 कोसी परिक्रमा का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु इस परिक्रमा को श्रद्धा और विश्वास के साथ करते हैं, उन्हें भगवान राम की कृपा प्राप्त होती है और उनके सभी कष्टों का निवारण होता है। अयोध्या में दीपावली के बाद इस परिक्रमा का आयोजन होता है, जिसमें लोग भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति को समर्पित करते हैं।

यह परिक्रमा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने से प्रशासन के सामने कई चुनौतियां भी होती हैं, जिन्हें सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए सभी विभाग मिलकर काम कर रहे हैं।