• अनुवाद करें: |
मुख्य समाचार

सिख से ईसाई बने 500 लोगों ने की घर वापसी

  • Share:

  • facebook
  • twitter
  • whatsapp

पीलीभीत, उत्तर प्रदेश  

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के नेपाल सीमा से लगे गांवों में धर्मांतरण के कारण पहले ईसाई बने लोगों की घर वापसी का एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया। विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में हुई इस पहल में करीब 500 लोगों ने पुनः अपने पूर्वजों के धर्म का चयन किया। इस कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात रखा गया था। पीलीभीत जिले के टाटरगंज, बेल्हा, बमनपुरी जैसे गांव जो नेपाल सीमा से लगे हुए हैं, वहां लंबे समय से धर्मांतरण की गतिविधियां चल रही थीं।

यूपी के पीलीभीत में 500 लोगों ने ईसाई धर्म त्यागकर पुनः गर्व से सनातन धर्म में घर वापसी की। यह घटना सदियों पुरानी सांस्कृतिक और आत्मिक पहचान की पुनर्स्थापना का प्रतीक है। ऐतिहासिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो देश के विभिन्न हिस्सों में अनेक लोग, विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, विदेशी मिशनरियों के लोभ, लालच और षड्यंत्रों का शिकार होकर अपनी जड़ों से कट गए थे। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के नाम पर धार्मिक छल-प्रपंच के माध्यम से उन्हें उनके मूल धर्म से दूर किया गया। यह मात्र धार्मिक आक्रमण नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक अस्मिता पर एक सुनियोजित प्रहार था। विश्व हिंदू परिषद  और उससे जुड़े सामाजिक संगठनों ने वर्षों की साधना, जनजागरण और सेवा कार्यों के माध्यम से इन लोगों को उनकी प्राचीन गौरवशाली परंपराओं से पुनः जोड़ने का कार्य किया है। यह 'घर वापसी' मात्र एक संस्कार नहीं, अपितु एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण  है -आत्मा की शाश्वत चेतना की ओर लौटने का संग्राम और सामाजिक समरसता की पुनर्प्रतिष्ठा की दिशा में एक सशक्त कदम।