आगरा के कछपुरा की अधिकतर
महिलाओं के घर की स्थिति ठीक नहीं थी। पति मजदूरी करते हैं, उनकी कमाई से घर का खर्चा चलाना और बच्चों के स्कूल की फीस भरना मुश्किल था।
ऐसे में इन महिलाओं ने जूते की सिलाई और
बुनाई का काम कर पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना शुरू किया और देखते ही देखते
आर्थिक समस्या तो दूर हुई साथ ही ये महिलाएं आज गर्व से आत्मनिर्भर भी हैं। कछपुरा
की 500 महिलाएं जूते की सिलाई और बुनाई का काम कर पति
के साथ अपने परिवार की जिम्मेदारी उठा रही हैं। इन महिलाओं ने एक जिला एक उत्पाद
के तहत प्रशिक्षण लिया तो जूता बनाने का कार्य अच्छे से आ गया।
पहले समाज ने इनकी आलोचना की और पति ने भी इन्हें रोका लेकिन आज वही लोग इनके काम की सराहना करते हैं। ओडीओपी योजना से जुड़कर ये महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हैं।