पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर त्रि-शताब्दी जन्मजयन्ती समारोह समिति द्वारा प्रबुद्ध मातृशक्ति गोष्ठी का आयोजन किया गया. पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर के जीवन व उनके आदर्शों को समाज तक पहुंचाने के उद्देश्य से कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता एवं महारानी अहिल्यादेवी होलकर के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ.
कार्यक्रम की अध्यक्षता जोधपुर की पूर्व महारानी साहिबा हेमलता राजे ने की. उन्होंने महारानी अहिल्यादेवी के संघर्ष और उनके योगदान को रेखांकित किया.
मुख्य अतिथि प्रो. सरोज कौशल, पूर्व अधिष्ठाता कला संकाय एवं पूर्व विभागाध्यक्ष, संस्कृत विभाग, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर, ने अपने संबोधन में समाज में नारी शक्ति की भूमिका पर बल दिया.
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य भय्याजी जोशी रहे. उन्होंने महारानी अहिल्यादेवी के प्रेरणादायी जीवन को सबके समक्ष रखा. उन्होंने अहिल्या देवी के जीवन को “सामान्य महिला की असामान्य जीवन यात्रा” बताया. एक सामान्य परिवार से राज्य पर शासन के काल में उन्होंने भारत के प्रसिद्ध मंदिरों व धार्मिक केंद्रों का पुनर्निर्माण करवाया, जिसमें काशी का विश्वनाथ मंदिर, रामेश्वरम, सोमनाथ मणिकर्णिका घाट विशेष हैं. विश्व प्रसिद्ध माहेश्वरी साड़ी उन्हीं की देन है. अहिल्यादेवी एक कुशल प्रशासनिक, आर्थिक नियोजन कर्ता के साथ योद्धा भी थीं.
ऐसी गोष्ठियों से समाज में प्रेरणा और जागरूकता का संचार होता है, और महारानी अहिल्यादेवी होलकर जैसी महान विभूतियों के जीवन से हमें सीखने का अवसर मिलता है. कार्यक्रम में महिला समन्वय की अखिल भारतीय संयोजिका मीनाक्षी ताई पेशवे, जोधपुर प्रांत संघचालक हरदयाल जी वर्मा उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन ममता सोनी जी ने किया.