मथुरा। भारत का पहला बालिका सैनिक स्कूल वृंदावन में खुल गया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साध्वी ऋतंभरा द्वारा स्थापित वात्सल्य ग्राम परिसर में संविद् गुरूकुलम् बालिका सैनिक स्कूल का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर देश में ऐसे स्कूल खोलने की घोषणा थी और ठाकुर बांके बिहारी की नगरी को स्कूल की शुरूआत के साथ नई पहचान मिल गई है।
वात्सल्यमूर्ति साध्वी ऋतंभरा के जीवन के 60 वर्ष पूर्ण होने पर वात्सल्य ग्राम में आयोजित षष्ठिपूर्ति महोत्सव में बालिका सैनिक स्कूल का लोकार्पण करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे अंदर पूर्वजों का रक्त है। हम विश्व में जहां कहीं भी जाते हैं, भारतीयता की पहचान नहीं खोते। पीएम मोदी ने जब सैनिक स्कूलों में बालिकाओं के प्रवेश को मंजूरी दी, तो वह नारी उत्थान के इतिहास में स्वर्णिम क्षण था।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महिलाओं एवं बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए उनकी रक्षा एवं शिक्षा हमारी प्रथम प्राथमिकता है। सैनिक स्कूल बालक-बालिकाओं में सेना का अनुशासन लाने का काम कर रहे हैं। सैन्य शक्ति का अनुशासन जीवन में आगे बढ़ने में मदद कर रहा है। वात्सल्य ग्राम के प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर राही ने बताया कि बालिका सैनिक विद्यालय में 120 सीटें हैं। इसमें प्रवेश के लिए राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी परीक्षा कराती है। आगामी 21 जनवरी को लिखित परीक्षा होगी। परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की ई-काउंसलिंग होगी और मेरिट लिस्ट बनेगी।
स्कूल का सत्र अप्रैल से शुरू होगा। इसमें बेटियों के तीन बैच बनाए जाएंगे। बेटियों को सीबीएसई शिक्षा के साथ सैन्य शिक्षा, खेलकूद के अलावा बाधा प्रशिक्षण भी पूर्व सैनिकों व एनसीसी द्वारा दिया जाएगा। स्केटिंग, बालीवाल, राइफल शूटिंग, घुड़सवारी का प्रशिक्षण भी बालिकाओं को मिलेगा। चयनित बालिकाओं की दिनचर्या सुबह पांच बजे से रात 10 बजे तक रहेगी। सुबह की शुरुआत ड्रिल के साथ होगी। इसके बाद सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम की शिक्षा बालिकाओं को दी जाएगी। शाम को विभिन्न खेलकूद, परेड और बाधा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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वृंदावन में शुरू हुआ देश का पहला बालिका सैनिक स्कूल, 120 बेटियां करेंगी एक साथ पढ़ाई, पूर्व सैनिक देंगे प्रशिक्षण
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