- यह कदम भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं में एक बड़ा परिवर्तन
- महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम
प्रयागराज। प्रयाग महाकुंभ 2025 में ऐतिहासिक रूप से महिला संतों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस बार परी अखाड़ा का विस्तार किया जाएगा, और इस अखाड़े के तहत 11 प्रमुख पीठों पर महिलाओं को पीठाधीश्वर के रूप में नियुक्त किया जाएगा। यह कदम भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं में एक बड़ा परिवर्तन माने जा रहा है, जहां महिलाओं को संत और गुरु के रूप में प्रमुख नेतृत्व की भूमिका दी जा रही है।
महिला संतों का यह प्रतिनिधित्व महाकुंभ के आयोजन में नई दिशा दिखाएगा। परंपरागत रूप से, महाकुंभ में पुरुषों का ही अधिक योगदान होता था, लेकिन अब महिलाओं को भी यह सम्मान मिलने जा रहा है। यह न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह धार्मिक अखाड़ों और समुदायों में भी महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करेगा।
महाकुंभ 2025 में परी अखाड़े का विस्तार होने से महिला संतों की संख्या में वृद्धि होगी, और यह महिलाओं के धार्मिक नेतृत्व की ओर एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है। यह महिलाओं के धार्मिक अधिकारों को मान्यता देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम होगा।