उसने अपनी बहन से निकाह कर मुझे दे दिया तलाक...
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बीबी ने लगाया है दो लाख रुपये व बाइक की मांग का आरोप
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मायके पहुंचकर बीबी को बोला तीन तलाक
उसने अपनी ममेरी बहन से निकाह कर मुझे
तलाक-तलाक-तलाक बोल दिया, मैं रोती हाथ जोड़ती रही, वो नहीं माना, मैं मायके थी, मेरे
घर आया , दो लाख रुपये और बाइक की मांग कर मुझे ले जाने से
इंकार कर दिया।यही आरोप लगाते हुए अलीगढ़ कोतवाली नगर के भुजपुरा मोहल्ले की एक
युवती ने अपने शौहर के खिलाफ शिकायत की है।जिसमें युवती ने दहेज की मांग को लेकर
मानसिक प्रताड़ना देने और तीन तलाक देने का आरोप लगाया है।इसके साथ ही पुलिस की
शिकायत में बताया कि शौहर ने अपनी ममेरी बहन से निकाह कर लिया है।
युवती बोली दहेज से नहीं संतुष्ट थे ससुराल वाले
पीड़िता के अनुसार उसका निकाह 21 अक्टूबर 2022 को सद्दाम नामक युवक के साथ हुआ
था।जो ग्राम ईशनपुर, थाना, महुआखेड़ा
का निवासी है।युवती ने बताया कि निकाह के बाद से ही ससुराल वाले दहेज से संतुष्ट
नहीं थे और आए रोज उसे परेशान करते थे।दहेज में दो लाख रुपये और बाइक की मांग करते
थे।जब मांग पूरी नहीं हो पाई, तो 21 अप्रैल 2023 को उसे मारपीट कर घर से निकाल
दिया था।
तलाक कहकर हो गया फरार
युवती का आरोप है 2 अप्रैल 2024 को अरोपी सद्दाम अचानक से उसके घर पर आया और बताया कि उसने अपनी ममेरी बहन से निकाह कर लिया है।इसके बाद उसने तीन बार तलाक
कहकर मुझे छोड़ दिया।मेरे विरोध करने पर वो जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गया।
पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज
युवती की शिकायत के आधार पर कोतवाली नगर पुलिस ने
अरोपी युवक सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।पुलिस अधिकारियों का
कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की
गई है, आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।जल्द ही
आरोपी को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ऐसा ही एक और तीन तलाक मामला लखनऊ से आया है...
यूपी में बीबी को तलाक देने का केवल अकेला मामला
नहीं, बल्कि ऐसी ही एक ओर घटना लखनऊ में भी हुई है।जिसमें एक
महिला ने अपने शौहर पर दहेज की मांग को लेकर मानसिक प्रताड़ना देने और तीन तलाक
देने का अरोप लगाया है।
हुसैनगंज निवासी सविस्ता नाज ने
आरोप लगाया कि उनके पति शारिफ खान, जो मलिहाबाद के खालिसपुर
निवासी हैं,उसने दहेज की मांग पूरी न होने पर तीन तलाक दे
दिया।लेकिन उसके बाद से ससुराल पक्ष द्वारा उन पर दहेज लाने का दबाव बनाया जाने
लगा।सविस्ता ने बताया कि उनकी सास, ससुर और ननद बार-बार दहेज
की मांग करते थे।जब उन्होंने अपनी असमर्थता जताई, तो सविस्ता
को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और घर से निकाल दिया गया।
शौहर ने नहीं की लाने की कोशिश
2023 में जब शारिफ ऑस्ट्रेलिया से वापस आया, तो उसने उसे
वापस लाने तक की कोशिश नहीं की।कुछ
दिन पहले शारिफ, सविस्ता के मायके हुसैनगंज पहुंचा और वहीं
पर मौखिक रूप से तीन बार 'तलाक' कहकर
रिश्ता तोड़ने की घोषणा कर दी।सविस्ता ने इस शिकायत स्थानीय पुलिस से की।
मुस्लिम महिला अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई
हुसैनगंज पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए
शारिफ खान, उसके पिता आतिफ और बहन जूनि के खिलाफ संबंधित
धाराओं और मुस्लिम महिला अधिनियम, 2019 के तहत
एफआईआर दर्ज की है।हुसैनगंज थाना प्रभारी राम कुमार गुप्ता ने बताया कि मामले की
जांच जारी है और उचित कानूनी कार्रवाई। यह तो तीन तलाक के कुछ ही मामले हैं जो हम आपको बता रहें हैं,
खबरों में रोज मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित करने की घटनाएँ सामने
आती रहती हैं, जिनपर शायद आपका
ध्यान भी नहीं गया होगा।
12
अप्रैल 2025
गाजीपुर में अख्तरी बेगम का निकाह घुरहाबंदा
कोड़री गांव में रहने वाले अख्तर से हुआ था.उसने अपने पति व सास हसीना व ननद इशतरा
के खिलाफ दहेज उत्पीड़न व तीन तलाक का आरोप लगाया।पीड़िता के अनुसार दहेज में मोटरसाइकिल न मिलने पर शौहर ने फोन पर तीन बार तलाक बोलकर रिश्ता
तोड़ने का प्रयास किया।पुलिस मामले की जांच कर रही है और उचित कार्रवाई का आश्वासन
दिया है।
03
मार्च 2025
मुजफ्फरनगर में मायके में रह रही बीबी को अतिरिक्त
दहेद न देने पर शौहर ने तीन तलाक दे दिया।महिला ने
थाने जाकर मुकदमा दर्ज कराया था।खालापार निवासी महिला का निकाह दिल्ली निवासी
मुदस्सिर के साथ हुआ था।निकाह में काफी दहेज देने के बाद भी ससुराल वाले अतिरिक्त
दहेज में पांच लाख नकद व कार की मांग कर रहे थे।परिजनों ने ससुराल आकर शौहर आदि को
समझाया लेकिन वह नहीं माने, महिला ने दो बच्चों को जन्म
दिया।उसके बाद महिला के माता-पिता की मौत हो गई, तो शौहर ने
बीबी को मायके की सम्पत्ति बेचकर उसमें हिस्सा दिलाने
का दबाव बनाया।महिला मायके आकर रहने लगी, अचानक से शौहर ने
घर आकर दहेज की मांग की तीन तलाक दे दिया
मुस्लिम महिलाओं को जागरूक रहना जरूरी
लगातार आ रहे ऐसे मामलों को देखते हुए सरकार ने
कानूनी तौर पर सर्तकता दिखाई और तीन तलाक के मामले पर मुस्लिम महिला अधिनियम 2019 के तहत सख्त कानून बनाए।यह एक गंभीर समस्या है,लेकिन
समाज में मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के मुद्दें पर जागरूक करने की अवश्यकता
है।जिससे वे इन कुरीतियों का सामना कर अपने आपको को ऐसे नर्क से बचाने में सक्षम
बन सकें।