श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़े
18 सिविल
वादों की पोषणीयता को लेकर पिछले कई दिनों से चल रही सुनवाई शुक्रवार को पूरी हो
गई। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की अदालत में फैसला सुरक्षित कर लिया।
गौरतलब है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद
को लेकर हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गई
याचिकाओं पर ईदगाह कमेटी ने ऑर्डर 7 रूल्स 11 के तहत आपत्ति दर्ज कराई थी. इसके जरिए शाही ईदगाह कमेटी की
तरफ से याचिकाओं की पोषणीयता पर सवाल उठाए गए थे. मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की
याचिकाओं को खारिज किए जाने की अपील की थी.
मुस्लिम पक्ष की दलील है कि विवादित संपत्ति वक्फ संपत्ति है.
इसलिए इस विवाद का निपटारा वक्फ ट्रिब्यूनल में ही हो सकता है. मुस्लिम पक्ष की यह
भी दलील है कि है मामला मियाद अधिनियम यानी लिमिटेशन एक्ट से भी बाधित है. मुस्लिम
पक्ष ने मुख्य रूप से प्लेसिस आफ वरशिप एक्ट 1991, वक्फ एक्ट, लिमिटेशन
एक्ट और स्पेसिफिक पजेशन रिलीफ एक्ट का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष की याचिकाओं को
खारिज किए जाने की दलील पेश की. जबकि हिंदू पक्ष की याचिकाओं में शाही ईदगाह
मस्जिद की जमीन को हिंदुओं की बताकर वहां पूजा का अधिकार दिए जाने की मांग की गई.
In krishnajanambhoomi case the Hon’ble Allahabad High Court has reserved judgement on application filed by shahi idgah masjid under order 7 rule 11 challenging the maintainability of the suit filed by me and other hindu parties. Jai shri krishna. pic.twitter.com/oEkLIHrFaS
— Vishnu Shankar Jain (@Vishnu_Jain1) May 31, 2024