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स्वरोजगार का साधन बन रही होम स्टे योजना

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चमोली, उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड सरकार ने वर्ष 2018 में दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास विकास योजना जिसे होम स्टे योजना भी कहा जाता था उसे शुरू किया था। जिसका उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ ग्रामीण युवाओं को अपने घर पर ही रोजगार उपलब्ध कराना था। बता दें, इस योजना के माध्यम से लाभार्थियों को होमस्टे बनाने या मरम्मत करवाने के लिए 50 प्रतिशत तक का अनुदान और ऋण की सुविधा दी जाती है, साथ ही सालाना डेढ़ लाख रुपये तक की राशि भी ब्याज के रुप में प्रदान की जाती है। वही जानकारी के अनुसार, चमोली जिले में इस योजना से 2018 से अब तक 169 लोगों को लाभ मिल चुका है। जिनमें से 2018-19 में 2, 2019-20 में 17, 2020-21 में 27, 2021-22 में 14, 2022-23 में 35, 2023-24 में 32, 2024-25 में 31 और चालू वर्ष में अब तक 11 लोगों को योजना का लाभ मिला है। होमस्टे का संचालन करने से युवाओं को घर बैठे रोजगार मिला है साथ ही साथ पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को भी सस्ती और सुविधा उपलब्ध हो रही है।

होम स्टे योजना बन रही स्वरोजगार का जरिया

आवेदन करने की प्रक्रिया 

आवेदन प्रक्रिया भी सरल रखी गई है, जिसमें ऑनलाइन आवेदन करने के बाद उसकी हार्डकॉपी जिला पर्यटन विकास अधिकारी के कार्यालय में जमा करनी होती है और ग्राम प्रधान से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना आवश्यक है। आवेदन मिलने के 30 दिनों के भीतर पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी कर दी जाती है। इस तरह होमस्टे योजना ने एक ओर जहां गांवों में पलायन रोकने में मदद की है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय युवाओं को पर्यटन के साथ जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई है।

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