प्रसिद्ध उद्योगपति और विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष अशोक चौगुले के अमृत महोत्सव का कार्यक्रय रवींद्र नाट्य मंदिर में विवेक व्यासपीठ ने आयोजित किया. इस अवसर पर अशोक राव का अभिष्टचिंतन करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत ने कहा, ‘तत्व जहां व्यवहार में होता है, वही सत्य होता है और अशोकराव ने अपने व्यवहार से उसे सत्य में उतारा.’ ‘भारत का बड़ा होना विश्व की आवश्यकता है. आने वाले बीस तीस वर्ष में भारत विश्वगुरू होगा ही, लेकिन उसके लिए सक्रिय रहना होगा और उसके लिए अशोक जी के प्रेरणादायी काम का अनुकरण करने हेतु प्रेरित करना ही इस अमृत महोत्सव का प्रयोजन है.’
अशोकराव चौगुले अमृत महोत्सव समिति के अध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरीजी महाराज ने कहा, ‘पिछले ४० वर्षों में हिन्दुओं के पुनरुत्थान में अशोक जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है और यह जो दिखाई दे रहा है, वह हिमनग का छोटा सा शिखर है. जबकि उनका खूब सारा कार्य शांतिपूर्ण तरीके से जारी है.’
इस अवसर पर दो अंग्रेजी पुस्तकों का प्रकाशन किया गया. उनका संपादन करने वाले अरविंद सिंह और इस कार्यक्रम के आर्ट डायरेक्टर गोपी कुकड़े का सम्मान किया गया.
अशोकराव चौगुले ने अपने विचार व्यक्त करते हुए अपने द्वारा किए गए संघ कार्य का स्मरण किया और संघ, विश्व हिन्दू परिषद तथा राम जन्मभूमि आंदोलन के अनुभव साझा किए.
पद्मश्री ब्रम्हेशानंद आचार्य स्वामी ने उन्हें हजारों का पालनकर्ता बताते हुए गोमंतक में उनके हिन्दुत्व के लिए किए कार्यों की सराहना की.
कार्यक्रम के आरंभ में सरसंघचालक ने अशोकराव चौगुले और सुधा चौगुले का सम्मान किया. कार्यक्रम का संचालन प्रमोद पवार ने किया.